Updated on: 05 February, 2025 10:59 AM IST | Mumbai
Prasun Choudhari
अपने आदेश में, नियामक ने एयर इंडिया की रोस्टरिंग प्रणाली की आलोचना की है, जिसके कारण यह चूक हुई.
प्रतीकात्मक तस्वीर/आईस्टॉक
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया पर एक प्रथम अधिकारी द्वारा अनिवार्य रीसेंसी आवश्यकताओं के बिना उड़ान संचालित करने के लिए 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. अपने आदेश में, नियामक ने एयर इंडिया की रोस्टरिंग प्रणाली की आलोचना की है, जिसके कारण यह चूक हुई. एयरलाइन को रोस्टरिंग विभाग के तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और आदेश के 15 दिनों के भीतर नियामक को इसके बारे में सूचित करने का निर्देश दिया गया है.
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आदेश में कहा गया है, "एक प्रथम अधिकारी ने तीन टेक ऑफ और लैंडिंग की अनिवार्य रीसेंसी आवश्यकता नहीं होने के बावजूद 7 जुलाई, 2024 को एक उड़ान संचालित की, जिससे [नियमों का] उल्लंघन हुआ. एयर इंडिया लिमिटेड द्वारा 12 जुलाई, 2024 को ई-मेल के माध्यम से किए गए सबमिशन के अनुसार, नियंत्रकों ने सीएई विंडो पर दिखाई देने वाले कई फर्जी अलर्ट को नजरअंदाज कर दिया." आदेश में कहा गया है, "अब, इसलिए, विमान नियम, 1937 के नियम 162 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए [DGCA] 30,00,000 रुपये का जुर्माना लगाता है."
DGCA के एक अधिकारी ने इस समाचार पत्र को बताया, "हमने 13 दिसंबर को एयर इंडिया के संचालन और रोस्टरिंग प्रमुखों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. यह 7 जुलाई की घटना के संबंध में था, जब प्रथम अधिकारी ने नागरिक उड्डयन आवश्यकता (CAR) के पैरा 3 का उल्लंघन करते हुए रीसेंसी आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया था. उनका [एयर इंडिया का] जवाब `असंतोषजनक` पाया गया, जिसके बाद आदेश जारी किया गया, जिसमें एएल को तीस दिनों के भीतर 30 लाख रुपये की जुर्माना राशि जमा करने के लिए कहा गया."
सरकारी विमानन प्रशिक्षण संस्थान (GATI) के सीईओ कैप्टन जति ढिल्लों ने मिड-डे को बताया, "इसके दो पहलू हैं. एक यह है कि रोस्टरिंग सॉफ्टवेयर में तकनीकी गड़बड़ी है और दूसरा यह है कि किसी ने सॉफ्टवेयर पर रेड फ्लैग को ओवरराइट कर दिया है. अगर सॉफ्टवेयर पूरी तरह से ठीक है, तो उसे इस घटना को रेड-फ्लैग कर देना चाहिए था. डीजीसीए के आदेश में यह भी कहा गया है कि एयरलाइन रोस्टरिंग अधिकारियों ने रोस्टरिंग सॉफ्टवेयर पर विभिन्न अलर्ट को नजरअंदाज किया. डीजीसीए को सीईओ को बुलाकर फटकार लगानी चाहिए. तभी एयरलाइन सिस्टम में आमूलचूल परिवर्तन होगा और ऐसी गलतियां दोबारा नहीं होंगी.
नियामक द्वारा इस कार्रवाई से प्रथम अधिकारी के करियर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "प्रथम अधिकारी को इसके लिए ज्यादा परेशानी नहीं होगी. अधिक से अधिक उसे तीन महीने के लिए निलंबित किया जाएगा, लेकिन यह अन्य कारकों पर भी निर्भर करता है. इस व्यक्ति ने एयरलाइन सिस्टम पर अपने उड़ान लाइसेंस पर भरोसा किया और सिस्टम ने इस व्यक्ति को विफल कर दिया. इस घटना में शामिल प्रथम अधिकारी की प्रतिष्ठा पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा." मिड-डे ने एयरलाइन से टिप्पणी मांगी, लेकिन प्रेस टाइम तक एयर इंडिया ने जवाब दे दिया.
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