Updated on: 19 August, 2024 04:37 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
कोलकाता पुलिस, जो पहले मामले की जांच कर रही थी, ने अपराध के लिए एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया था.
कोलकाता बलात्कार-हत्याकांड के खिलाफ सोमवार को नई दिल्ली में निर्माण भवन के पास प्रदर्शन करते डॉक्टर. तस्वीर/पीटीआई
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले की जांच के सिलसिले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से सोमवार को लगातार चौथे दिन पूछताछ की. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार कोलकाता पुलिस, जो पहले मामले की जांच कर रही थी, ने अपराध के लिए एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया था. मामले को छुपाने की चिंताओं के बाद, पीड़िता के माता-पिता ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंप दी. एक अधिकारी ने कहा कि सोमवार की सुबह घोष सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआई के शहर कार्यालय पहुंचे.
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रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने कहा कि डॉक्टर की मौत की खबर मिलने के बाद उनसे उनकी भूमिका के बारे में पूछा गया, उन्होंने किससे संपर्क किया और उन्होंने उसके माता-पिता को लगभग तीन घंटे तक इंतजार क्यों कराया. पूर्व प्राचार्य से यह भी पूछा गया कि घटना के बाद अस्पताल के आपातकालीन भवन में सेमिनार हॉल के पास के कमरों के जीर्णोद्धार का आदेश किसने दिया था. स्नातकोत्तर प्रशिक्षु का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था. केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी घोष के मोबाइल फोन कॉल डिटेल के साथ-साथ उनकी व्हाट्सएप चैट लिस्ट की भी जांच कर रहे हैं.
आर्थोपेडिक डॉक्टर घोष से सीबीआई अधिकारियों ने शुक्रवार से कई घंटों तक पूछताछ की है. 9 अगस्त को डॉक्टर का शव मिलने के दो दिन बाद उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया था. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने हमला होने की आशंका जताई थी, जिसके बाद उनके वकील ने कलकत्ता उच्च न्यायालय से सुरक्षा की मांग की थी.
अदालत ने उन्हें एकल पीठ का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया. 18 अगस्त को सीबीआई सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने मामले में आरोपियों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण शुरू कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक जांच दल की सहायता के लिए सीबीआई टीम का एक मनोवैज्ञानिक शनिवार को कोलकाता पहुंचा. पिछले हफ़्ते 5,000-7,000 लोगों की भीड़ ने आरजी कर अस्पताल पर हमला किया और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों पर हमला किया. उन्होंने परिसर में तोड़फोड़ करने की भी कोशिश की, जिससे सुरक्षा अधिकारियों और पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करना पड़ा. दो दिन बाद कोलकाता पुलिस ने कहा कि उन्होंने अस्पताल परिसर में भीड़ की हिंसा में कथित रूप से शामिल 19 लोगों को गिरफ्तार किया है.
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