Updated on: 30 August, 2025 05:15 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
जापान ने यह घोषणा ट्रम्प प्रशासन की व्यापार और शुल्क नीतियों के कारण उत्पन्न वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल के बीच की.
15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जापानी समकक्ष शिगेरु इशिबा के साथ. तस्वीर/पीटीआई
जापान ने शुक्रवार को भारत में एक दशक में 10 ट्रिलियन येन के निवेश का लक्ष्य रखा है. दोनों पक्षों ने महत्वपूर्ण खनिजों, रक्षा और प्रौद्योगिकी जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार जापान ने यह घोषणा ट्रम्प प्रशासन की व्यापार और शुल्क नीतियों के कारण उत्पन्न वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल के बीच की.
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रिपोर्ट के मुताबिक भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के विस्तार की घोषणाएँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिगेरु इशिबा के बीच शिखर वार्ता के बाद की गईं. एक मीडिया बयान में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमने अगले 10 वर्षों में जापान से भारत में 10 ट्रिलियन येन के निवेश का लक्ष्य रखा है."
टोक्यो पहुँचने के तुरंत बाद उन्होंने कहा, "भारत-जापान सहयोग वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है, और दोनों पक्षों ने साझेदारी में एक `नए और सुनहरे अध्याय` की मज़बूत नींव रखी है." प्रधानमंत्री जापान की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. रिपोर्ट के अनुसार इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, "हमने निवेश, नवाचार और आर्थिक सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में सहयोग के लिए 10 साल का रोडमैप तैयार किया है."
अपने संबोधन में, मोदी ने कहा कि भारत और जापान एक स्वतंत्र, खुले, शांतिपूर्ण, समृद्ध और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.मोदी ने कहा, "दोनों पक्षों ने रक्षा उद्योग और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग को और मज़बूत करने का भी निर्णय लिया." रिपोर्ट के मुताबिक चिंताएँ मोदी ने कहा कि आतंकवाद और साइबर सुरक्षा के संबंध में भारत और जापान के विचार एक जैसे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा और समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने में दोनों पक्षों के साझा हित हैं. वर्षों से जापान और भारत की मित्रता की प्रशंसा करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत-जापान साझेदारी आपसी विश्वास पर आधारित है, हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को दर्शाती है और हमारे साझा मूल्यों और विश्वासों से आकार लेती है."
इस बीच, जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने कहा कि "दोनों पक्षों को अगली पीढ़ी की चुनौतियों से निपटने के लिए एक-दूसरे की ताकत का लाभ उठाने की आवश्यकता है."इशिबा के साथ अपनी बैठक के दौरान, मोदी ने यह भी कहा कि आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और अन्य गतिविधियों के खिलाफ दोनों देशों की समान चिंताएँ हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत और जापान के साझा हित रक्षा और समुद्री सुरक्षा से जुड़े हैं.
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