Updated on: 24 August, 2024 08:00 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
कोल्हापुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री (सीएम) देवेंद्र फडणवीस के करीबी राजे समरजीतसिंह घाटगे ने शुक्रवार को कहा कि वह 3 सितंबर को शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) में शामिल होंगे.
राजे समरजीतसिंह घाटगे के साथ जयंत पाटिल. तस्वीर एक्स
कोल्हापुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री (सीएम) देवेंद्र फडणवीस के करीबी राजे समरजीतसिंह घाटगे ने शुक्रवार को कहा कि वह 3 सितंबर को शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) में शामिल होंगे.
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वह कागल से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे, जहां से वर्तमान में अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के हसन मुश्रीफ विधायक हैं. चूंकि आम धारणा यह है कि सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल दलों को उन सीटों पर बने रहने की अनुमति दी जाएगी, जिन पर उनके विधायक हैं, इसलिए यह स्पष्ट था कि घाटगे को मुश्रीफ के लिए अपनी महत्वाकांक्षा छोड़नी होगी.
घाटगे ने कोल्हापुर के कागल में अपने समर्थकों से मिलने के बाद अपने फैसले की घोषणा की और कहा कि उन्होंने इस बारे में फडणवीस से बात की है. घाटगे ने कहा, "मैंने अपने नेता फडणवीस साहब से मुलाकात की और उन्हें बताया कि मैंने यह निर्णय ले लिया है. मैं इस पर और कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता." घाटगे के साथ बैठक में एनसीपी (एसपी) महाराष्ट्र प्रमुख जयंत पाटिल भी मौजूद थे. घाटगे के समर्थकों के साथ बैठक के दौरान पाटिल ने कहा, "घाटगे 3 सितंबर को शरद पवार की मौजूदगी में एनसीपी (एसपी) में शामिल होंगे."
पाटिल ने समर्थकों से पूछा कि क्या वे एनसीपी (एसपी) द्वारा घाटगे को कागल से टिकट दिए जाने से सहमत हैं. शरद पवार से मुलाकात के बाद घाटगे के एनसीपी (एसपी) में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं. चुनाव आयोग ने अभी तक महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होने की संभावना है. 16 अगस्त को, भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक होने वाले चुनावों की घोषणा की, जबकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा अभी बाकी है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की उच्च मांग महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव न कराने का मुख्य कारण है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर के बजाय नवंबर में दिवाली के बाद होने की उम्मीद है, जिससे महायुति सरकार को महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) से मुकाबला करने से पहले कम से कम एक महीने का समय और मिल जाएगा. शुक्रवार को चुनाव आयोग ने हरियाणा के साथ महाराष्ट्र चुनाव कराने की परंपरा को खत्म कर दिया.
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