Updated on: 29 September, 2024 07:12 PM IST | Mumbai
संजय राउत ने आगे कहा कि राजनीतिक दलों में इस योजना का श्रेय लेने की होड़ भी दिखाई दे रही है.
X/Pics, Sanjay Raut
Sanjay Raut: महाराष्ट्र में लड़कियों और महिलाओं के लिए शुरू की गई `लड़की बहिन योजना` इन दिनों विवादों में घिर गई है. ऐसे में शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने शिंदे सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए `लड़की बहिन योजना` का विरोध किया है. राउत ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि `कई परियोजनाएं इस योजना के चलते रुकी पड़ी हैं, जिससे सरकारी कर्मचारियों, पुलिस और होम गार्ड्स के वेतन पर संकट मंडराने लगा है. राज्य सरकार ने महिलाओं के वोट बटोरने के उद्देश्य से सारा धन इस योजना में झोंक दिया है, जबकि राज्य के खजाने में पहले से ही धन की कमी है.`
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संजय राउत ने आगे कहा कि `राजनीतिक दलों में इस योजना का श्रेय लेने की होड़ भी दिखाई दे रही है. देवेन्द्र फड़णवीस द्वारा अपनी बहनों को लिखे पत्र में इस योजना से मुख्यमंत्री शब्द हटा दिया गया है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तस्वीर भी हटा दी गई है. इससे स्पष्ट होता है कि विभिन्न राजनीतिक गुट योजना का श्रेय अपने नाम करना चाहते हैं.`
संजय राउत ने इस योजना की आलोचना करते हुए कहा है कि यह केवल चुनावों के मद्देनजर शुरू की गई है, और इसकी स्थिरता पर गंभीर सवाल उठाए हैं. राउत के अनुसार, योजना के तहत कुछ ही महीनों की किस्तें दी जाएंगी और इसके बाद भुगतान रोक दिया जाएगा. तीसरे या चौथे महीने के बाद प्यारी बहनों के खाते में कोई किस्त नहीं जाएगी."
यह योजना पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान और गोवा जैसे राज्यों में चलाई जा रही थी, जिसे अब महाराष्ट्र में लागू किया गया है. आलोचकों का मानना है कि इसे चुनावी लाभ के लिए लाया गया है, न कि महिलाओं के दीर्घकालिक सशक्तिकरण के लिए.
राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह प्रश्न उठ रहा है कि क्या यह योजना राज्य के वित्तीय तंत्र पर अतिरिक्त बोझ डालेगी या वास्तव में महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी.
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