Updated on: 28 August, 2024 08:17 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में गोदावरी नदी पर जयकवाड़ी बांध आठ जिलों वाले मराठवाड़ा क्षेत्र के अन्य शहरों को आपूर्ति करता है.
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महाराष्ट्र में बारिश के कारण जयकवाड़ी बांध में पानी का भंडार 64.3 प्रतिशत तक बढ़ गया है और अब सिंचाई के लिए पानी आसानी से छोड़ा जा सकता है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में गोदावरी नदी पर जयकवाड़ी बांध छत्रपति संभाजीनगर, जालना और आठ जिलों वाले मराठवाड़ा क्षेत्र के अन्य शहरों को औद्योगिक, पेयजल और सिंचाई उद्देश्यों के लिए पानी की आपूर्ति करता है.
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रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य अभियंता समाधान सब्बीनवार ने कहा, "बुधवार सुबह भंडारण 64.3 प्रतिशत तक पहुंच गया. इस साल सिंचाई के लिए पर्याप्त स्टॉक है." उन्होंने कहा कि उन्हें बांधों से पानी छोड़े जाने पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. अधिकारी ने कहा कि स्टॉक 33 प्रतिशत को पार करने के बाद जयकवाड़ी बांध से पानी छोड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति एक अच्छे स्टॉक की ओर इशारा करती है. मुख्य अभियंता ने कहा, "हमें औद्योगिक और पीने के उद्देश्यों के लिए साल भर में लगभग 150 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी की आवश्यकता है. बाकी पानी का इस्तेमाल इस साल सिंचाई के लिए किया जा सकता है."
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बांध में वर्तमान में 1,395.90 एमसीएम पानी है. जलाशय में अभी भी 66,666 क्यूसेक पानी आ रहा है. राजस्व विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, मराठवाड़ा के 11 प्रमुख जलाशयों में बुधवार को पानी का भंडार 53.41 प्रतिशत तक पहुँच गया. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि यह पिछले साल इसी दिन के भंडार की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक है.
शहर को पीने का पानी देने वाली मुंबई की झीलें अब 95.89 प्रतिशत क्षमता पर हैं. मुंबई के सात जलाशयों में जल स्तर, जो शहर को पीने का पानी उपलब्ध कराते हैं, बुधवार को बीएमसी द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार 95.89 प्रतिशत तक पहुँच गया है. बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आंकड़ों के अनुसार, मुंबई की झीलों में सामूहिक जल भंडार वर्तमान में 13,87,820 मिलियन लीटर है, जो क्षमता का 95.89 प्रतिशत है. मुंबई झीलों पर नागरिक निकाय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, तानसा में जल स्तर 98.45 प्रतिशत है. मोदक-सागर में, 100 प्रतिशत जल भंडार उपलब्ध है. मध्य वैतरणा में 98.42 प्रतिशत, ऊपरी वैतरणा में 95.33 प्रतिशत, भटसा में 93.76 प्रतिशत, विहार में 100 प्रतिशत और तुलसी में 100 प्रतिशत उपयोगी जल स्तर उपलब्ध है.
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