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अहमदाबाद और सूरत में 1000 से अधिक बांग्लादेशी गिरफ्तार

Updated on: 26 April, 2025 04:34 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

पुलिस ने बताया कि अहमदाबाद में 890 लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि सूरत में 134 लोगों को हिरासत में लिया गया.

वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट (छवि: सोशल मीडिया)

वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट (छवि: सोशल मीडिया)

गुजरात पुलिस ने शनिवार को सुबह 3 बजे शुरू हुए अभियान में राज्य के दो प्रमुख शहरों अहमदाबाद और सूरत में अवैध रूप से रह रहे करीब 1,024 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया. पुलिस ने बताया कि अहमदाबाद में 890 लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि सूरत में 134 लोगों को हिरासत में लिया गया. सूरत से गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने आधी रात को हुए अभियान को गुजरात पुलिस की ऐतिहासिक जीत बताया और कहा कि पुलिस ने गुजरात में अवैध रूप से रह रहे लोगों को कड़ी चेतावनी दी है.

पुलिस अधिकारियों ने अपने अभियान के बाद कहा कि "यह अवैध अप्रवासियों और अवैध अतिक्रमणों पर ऐतिहासिक सर्जिकल स्ट्राइक है." उल्लेखनीय है कि हिरासत अभियान कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर चलाया गया था, जिसके लिए भारत सरकार ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन शनिवार को गुजरात में हिरासत में लिए गए सभी लोग बांग्लादेशी नागरिक बताए जा रहे हैं.


अहमदाबाद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया, "आज सुबह 3 बजे से अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने एसओजी, ईओडब्ल्यू, जोन 6 और मुख्यालय की टीमों के साथ मिलकर अहमदाबाद शहर में अवैध रूप से रह रहे विदेशी प्रवासियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया. इस अभियान के दौरान 400 से अधिक संदिग्ध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया है." हालांकि दोपहर तक यह संख्या बढ़कर 890 हो गई. अधिकांश लोगों को अहमदाबाद शहर के चंदोला झील क्षेत्र से उठाया गया.


हिरासत में लिए गए लोगों को पहले कांकरिया फुटबॉल ग्राउंड में रखा गया और फिर शहर की सड़कों से होते हुए क्राइम ब्रांच के गायकवाड़ हवेली मुख्यालय तक ले जाया गया, इस दौरान पुलिस ने ड्रोन से लंबी मार्च के वीडियो प्रसारित किए. देर सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्यव्यापी पुलिस बैठक हुई जिसमें गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विकास सहाय अहमदाबाद से शामिल हुए, जबकि गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी सूरत से शामिल हुए.

बैठक के बाद बोलते हुए मंत्री संघवी ने कहा, "गुजरात पुलिस ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है. अहमदाबाद पुलिस ने 890 अवैध बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया है, जबकि सूरत पुलिस ने 134 को हिरासत में लिया है. गुजरात पुलिस का यह अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है, जिसमें पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे नागरिकों को `लाल आँख` दिखाई है. ये बांग्लादेशी फर्जी दस्तावेज बनाकर अवैध रूप से पश्चिम बंगाल से आते हैं और गुजरात और भारत के अन्य राज्यों में पहुँचते हैं. उनमें से कई ड्रग कार्टेल, मानव तस्करी में शामिल हैं और जैसा कि हमने पहले देखा है, कैसे दो बांग्लादेशी अलकायदा के स्लीपर सेल के रूप में काम करते पकड़े गए." 


संघवी ने अन्य सभी अवैध प्रवासियों को स्थानीय पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा, "इन सभी बांग्लादेशियों की पृष्ठभूमि और गतिविधियों की जाँच की जा रही है और मैं उन्हें एक स्पष्ट संदेश देना चाहता हूँ. या तो आप खुद पुलिस स्टेशन जाएँ और 2 दिनों के भीतर अवैध बांग्लादेशी के रूप में आत्मसमर्पण करें, अन्यथा गुजरात पुलिस भविष्य में भी इसी तरह की सख्त कार्रवाई करेगी. गुजरात के हर कोने में ये निर्देश दिए गए हैं." अहमदाबाद में डीजीपी सहाय ने दोहराया कि शनिवार को हिरासत में लिए गए बांग्लादेशी नागरिकों की कानूनी स्थिति की जांच में सहयोग के लिए केंद्रीय एजेंसियों से अनुरोध किया गया है. सहाय ने कहा कि बांग्लादेश से अवैध रूप से आए लोगों की हिरासत राज्य स्तर पर की जाएगी और शनिवार सुबह सभी जिला पुलिस प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं. 

सूरत से हर्ष संघवी ने पाकिस्तानी नागरिकों पर केंद्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णय और बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ राज्य की कार्रवाई के बीच तुलना की. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति के निर्णयों के अनुसार गुजरात पुलिस ने पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं और आज रात से पहले सभी पाकिस्तानियों को वापस भेज दिया जाएगा. इसी तरह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि किसी भी देश से आए अवैध प्रवासी राज्य में न रहें और गुजरात में पुलिस सीएम भूपेंद्र पटेल के निर्देश पर ऐसा कर रही है. मैं अहमदाबाद और सूरत पुलिस को एक ही रात में सभी घुसपैठियों को पकड़कर यह कार्रवाई करने के लिए बधाई देता हूं." 

बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से रहने में मदद करने वालों को चेतावनी देते हुए संघवी ने कहा, "अगर एक भी घुसपैठिए को शरण दी गई तो उनकी हालत और खराब हो जाएगी. उन्हें शरण देने वालों के खिलाफ हर तरह की कानूनी कार्रवाई की जाएगी." उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस उन लोगों की भी जांच करेगी जो अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के लिए फर्जी दस्तावेज बना रहे हैं.

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