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मुंबई यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव फिर स्थगित, आदित्य ठाकरे ने शिंदे सरकार पर लगाया डरपोक होने का आरोप

Updated on: 22 September, 2024 02:09 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

प्रेस कॉन्फ्रेंस में आदित्य ठाकरे ने कहा कि उनके सभी सीनेट उम्मीदवारों के चेहरों पर आत्मविश्वास की झलक है, क्योंकि उन्हें अपनी जीत सुनिश्चित लग रही थी.

ठाकरे ने कहा कि मुंबई यूनिवर्सिटी एक स्वतंत्र संस्था है, लेकिन फिर भी वह सरकार के आदेश का इंतजार क्यों कर रही है?

ठाकरे ने कहा कि मुंबई यूनिवर्सिटी एक स्वतंत्र संस्था है, लेकिन फिर भी वह सरकार के आदेश का इंतजार क्यों कर रही है?

AadityaThackeray: मुंबई यूनिवर्सिटी के सीनेट चुनावों को दूसरी बार स्थगित कर दिया गया है. यूनिवर्सिटी की ओर से जारी एक सर्कुलर में बताया गया कि 22 सितंबर को होने वाले चुनाव को अगले आदेश तक रद्द किया गया है. यह निर्णय विपक्षी दलों और छात्र संगठनों के बीच नाराजगी का कारण बना है. शिवसेना (ठाकरे गुट) के विधायक आदित्य ठाकरे ने इसे लेकर राज्य सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन पर कड़ा प्रहार किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को चुनाव परिणामों का डर है, इसलिए लगातार चुनाव स्थगित किए जा रहे हैं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में आदित्य ठाकरे ने कहा कि उनके सभी सीनेट उम्मीदवारों के चेहरों पर आत्मविश्वास की झलक है, क्योंकि उन्हें अपनी जीत सुनिश्चित लग रही थी. उन्होंने कहा कि जब 2010 में शिवसेना ने स्वतंत्रता के लिए चुनाव लड़ा, तो 10 में से 8 सीटें जीती थीं, और 2018 में सभी 10 सीटें अपने पक्ष में की थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि इस बार सरकार को हार का डर सता रहा है, इसलिए चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं. ठाकरे ने मुख्यमंत्री शिंदे को ‘डरपोक मुख्यमंत्री’ बताते हुए कहा कि उन्हें ‘डीसीएम’ (डरपोक सीएम) के नाम से जाना जाना चाहिए.



ठाकरे ने कहा कि मुंबई यूनिवर्सिटी एक स्वतंत्र संस्था है, लेकिन फिर भी वह सरकार के आदेश का इंतजार क्यों कर रही है? उन्होंने सवाल उठाया कि अगर यूनिवर्सिटी के पास अपना दिमाग, दिल और नेतृत्व है, तो उसे सरकार के हस्तक्षेप की जरूरत क्यों है? उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा के शासन के दौरान और अब शिंदे के नेतृत्व में, यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार विपक्ष से डरती है और चुनाव का सामना करने की हिम्मत नहीं रखती.


उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ वर्षों से स्थानीय स्वशासन के चुनाव भी नहीं हुए हैं. ठाकरे का कहना था कि मौजूदा सरकार को यह एहसास है कि वे मुंबई यूनिवर्सिटी के सीनेट चुनाव में हार जाएंगे, इसलिए लगातार चुनाव स्थगित किए जा रहे हैं. उनका मानना है कि यह जनता और लोकतंत्र दोनों के साथ धोखा है, जो राज्य की सत्ता को चुनौती देने वालों के प्रति असहिष्णुता को दर्शाता है.

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