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`औरंगजेब की औलाद` ने की नागपुर हिंसा: VHP का बड़ा बयान, कहा- `सब कुछ प्लान था`

Updated on: 19 March, 2025 11:32 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

वीएचपी सदस्य राजकुमार शर्मा ने कहा कि VHP और बजरंग दल ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे विरोध प्रदर्शन करेंगे.

सोमवार को मध्य नागपुर के महल इलाके के चिटनिस पार्क में हिंसा भड़क उठी. फाइल फोटो/पीटीआई

सोमवार को मध्य नागपुर के महल इलाके के चिटनिस पार्क में हिंसा भड़क उठी. फाइल फोटो/पीटीआई

विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सदस्य राजकुमार शर्मा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि नागपुर में हुई हिंसा एक पूर्व नियोजित हमला था, उन्होंने इसके लिए "औरंगजेब की औलाद" को जिम्मेदार ठहराया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार वीएचपी सदस्य राजकुमार शर्मा ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे विरोध प्रदर्शन करेंगे... विरोध कब्र को हटाने को लेकर था... एक कब्र थी जिस पर एक हरा कपड़ा रखा हुआ था, अगर उस पर उर्दू में कुछ लिखा हुआ है, तो कोई कैसे समझेगा, महाराष्ट्र में रहने के बाद भी कई लोग मराठी नहीं समझते...आमतौर पर कब्र पर एक हरा कपड़ा रखा जाता है... जब इसे जलाया गया, जब इसे तोड़ा गया, तो उन्होंने बेवजह इसका मुद्दा बना दिया... इस मुद्दे पर पुलिस प्रशासन के साथ चर्चा की गई. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी इसे समझा." 

रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बताया कि वीएचपी और बजरंग दल ने एक कब्र को हटाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई थी, जिस पर हरा कपड़ा रखा गया था. विरोध कब्र को हटाने के खिलाफ था. उन्होंने कहा कि कब्र पर हरा कपड़ा रखना सामान्य बात है, और इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया. लेकिन पुलिस और मुसलमान दोनों ही इस मुद्दे को समझते थे. उन्होंने हिंसा के लिए दूसरे लोगों को जिम्मेदार ठहराया और कहा, "लेकिन उसके बाद जो भी दंगे हुए, उसकी योजना `औरंगजेब की औलाद` ने बनाई थी...वे वहां मस्जिद में इकट्ठा हुए, उनकी योजना हिंदुओं की दुकानें बंद करने, उनकी दुकानों को लूटने और उनके घरों पर हमला करने की थी. यह सब योजनाबद्ध था, और एक ऐसे मुद्दे को भड़काने की कोशिश की गई जिसका कोई मतलब नहीं है...अगर प्रशासन को लगता है कि औरंगजेब का पुतला जलाया गया, तो हमें प्रशासन की कार्रवाई पर कोई आपत्ति नहीं है...यह देश संविधान के हिसाब से चलेगा...लेकिन इन `औरंगजेब की औलाद` को भी समझना चाहिए कि यह देश संविधान के हिसाब से चलेगा...अगर वे सड़कों पर उतरेंगे, हमारे घरों में तोड़फोड़ करेंगे, गाड़ियां जलाएंगे और मंदिर को नष्ट करेंगे, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. फिर हिंदू समाज को सड़कों पर उतरकर इस पर प्रतिक्रिया करनी चाहिए."


शर्मा ने दावा किया कि दंगों की योजना कुछ लोगों ने बनाई थी. उन्होंने कहा कि वे एक मस्जिद में मिले, उनकी दुकानें बंद करने, हिंदुओं के कारोबार को लूटने और हिंदुओं के घरों पर हमला करने की योजना बनाई. उन्होंने तर्क दिया कि यह एक व्यर्थ संघर्ष पैदा करने का प्रयास था. उन्होंने सवाल उठाया कि हिंदू संपत्तियों और मंदिरों को नष्ट करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई और चेतावनी दी कि अगर यह जारी रहा, तो हिंदू समुदाय को प्रतिक्रिया देनी होगी. रिपोर्ट के अनुसार वीएचपी नेता विनोद बंसल ने कहा, "हिंसा एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत फैलाई गई थी. हमें विश्वास है कि महाराष्ट्र सरकार उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जो इसमें शामिल थे." 


सोमवार रात को नागपुर के महल इलाके में हिंसक झड़पें हुईं, जहाँ लगभग 1,000 लोगों की भीड़ ने बड़े पैमाने पर पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और कई वाहन और घर क्षतिग्रस्त हो गए. रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र पुलिस की एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर तनाव के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत नागपुर शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. नागपुर पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंघल द्वारा जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार, अगले आदेश तक प्रतिबंध लागू रहेंगे. आदेश में कहा गया है कि 17 मार्च को विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के लगभग 200 से 250 सदस्य औरंगजेब की कब्र को हटाने के समर्थन में नागपुर के महल में शिवाजी महाराज की मूर्ति के पास एकत्र हुए. प्रदर्शनकारियों ने कब्र को हटाने की मांग करते हुए नारे लगाए और गाय के गोबर से भरा एक प्रतीकात्मक हरा कपड़ा दिखाया.


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