Updated on: 30 December, 2024 05:40 PM IST | Mumbai
Anmol Awasthi
लेकिन कुछ महीनों पहले हर आदमी इन्ही में सवारी करते हुए एक खौफ में था. खासतौर से भारतीय उड़ानों में बम होने की धमकियां तो ऐसे आ रही थी जैसे आए दिन अख़बारों में नई-नई लॉटरी खुल रही हो.
फ़ाइल फ़ोटो
साल 2024 में चर्चा बटोरने और सुर्ख़ियों में कई ऐसी चीजें रहीं जिन्होंने एक दो-दिन नहीं बल्कि महीनों तक या तो हमें आश्चर्य में डालकर रखा या फिर ये सोचने पर मजबूर कर दिया की क्या जिस ट्रेन या प्लेन में सवार होकर हम जा रहे हैं. वो यात्रा के लिए सुरक्षित है या नहीं? महीनों तक ट्रेन के ट्रैक से उतरने और उड़ानों में बम की धमकियों की खबरों ने इस चर्चा को आम कर दिया था कि भई हम ट्रेन और प्लेन में सवार होकर जाए या नहीं? लेकिन अब देखिये साल पूरा होने को है और लोग घूमने फिरने की प्लानिंग में व्यस्त होकर जमकर फ्लाइट्स और ट्रेनों की टिकटें बुक कर रहे हैं. लेकिन कुछ महीनों पहले हर आदमी इन्ही में सवारी करते हुए एक खौफ में था. खासतौर से भारतीय उड़ानों में बम होने की धमकियां तो ऐसे आ रही थी जैसे आए दिन अख़बारों में नई-नई लॉटरी खुल रही हो. पर समय के साथ हम इसे भी भूल कर आगे बढ़ गए लेकिन क्या ये ध्यान देने की बात नहीं की डिजिटल होती दुनिया में झूठी खबरें वो भी बम की, किसी भी तरह की अफरा-तफरी को आमंत्रण दे सकती है.
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देश में फ्लाइट्स में बम खबरें किसी कोरोना वेव की तरह थी. एक रिपोर्ट की मानें तो 16 दिनों की अवधि में, 510 से अधिक घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में भारतीय एयरलाइनों को बम की धमकियाँ मिलीं, जिनमें से ज्यादातर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से थीं, जो बाद में अफवाह निकलीं. एयर इंडिया को करीब 36 उड़ानों, विस्तारा को 35 और इंडिगो एयरलाइंस को 32 उड़ानों के लिए धमकियां मिलीं. 28 अक्टूबर को विभिन्न भारतीय एयरलाइनों को भी बम की धमकियां मिलीं, जिसके बाद कई हवाई अड्डों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई.
28 अक्टूबर सोमवार का दिन तो धमकियों के मामले में सुनहरा साबित हुआ. हास्यपद है लेकिन करीब 60 भारतीय एयरलाइनों को बम की धमकियां मिलीं. इनमें इंडिगो को 21, एयर इंडिया को 20 और विस्तारा को 20 शामिल हैं. धमकियों की जांच के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) को लगाया गया. लेकिन साल पूरा होने के मुहाने पर है पर कोई ठोस नतीजा नहीं है. अक्टूबर महीने में आखिर के 15 दिनों में भारतीय एयरलाइनों को 463 बम की धमकियां मिली थी.
बेशक लोगों की सुरक्षा का सवाल है तो सुरक्षा से जुड़े कदम उठाए जाएंगे लेकिन उसके कारण उठने वाला पैनिक, लोगों के मन में यात्रा को लेकर उठने वाला डर, भारतीय इंटेलिजेंस की पहुंच पर प्रश्न और उसके साथ सोशल मीडिया का दुरपयोग वो भी खासतौर से बच्चों द्वारा भी किया गया अपराध जिन्हे यह भी समझ नहीं आया की जिसे वो खेल समझ रहे है वो जानलेवा साबित हो सकता है. केवल इतना ही नहीं ऐसी स्थिति का फायदा उठकर सच में भी बम प्लांट किया जा सकता है.
एयरलाइनों को प्राप्त होने वाली फर्जी बम धमकियों में वृद्धि के बीच, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने एक मीडिया संबोधन में कहा था कि सरकार फर्जी बम धमकियों का सहारा लेने वालों को उड़ान भरने से रोकने के लिए कदम उठा रही है. लेकिन ये कदम क्या हमेशा के लिए सार्थक सिद्ध होंगे. भारत जब एविएशन के क्षेत्र में प्रगति के लिए बड़े-बड़े कदम उठा रहा है तब ऐसी हरकतें उस पर धब्बा लगाने जैसी है और साथ ही इस बात बार चिंता पैदा करती हैं सोशल मीडिया दुरूपयोग रोकने के लिए हम अभी तक किसी ठोस सॉल्यूशन तक नहीं पहुंचे हैं.
भारतीय विमानों के साथ-साथ रेलवे स्टेशनों को भी धमकियां मिली. ये सभी धमकियां ज्यादातर सोशल मीडिया के जरिए दी गईं. आईबी के एक सूत्र ने किया, था कि धमकी देने वाले वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) और डार्क वेब का उपयोग कर रहे थे जिससे अपराधियों का पता नहीं चल पा रहा है." हालांकि अब ये सिलिसला थम गया है और साल 2025 फ्लाइट भी जल्द उड़ान भरेगी लेकिन उससे पहले इस हम सभी के लिए इस साल भीतर लैंडिंग की कामना करते हुए एडवांस में नव-वर्ष की शुभकामनाएं देते हैं.
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