Updated on: 06 August, 2024 08:40 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश राजनीतिक संकट से जूझ रहा है.
एस जयशंकर की फाइल फोटो
बांग्लादेश के हालात पर विदेश मंत्री ने कहा कि स्थिति सामान्य होने तक सरकार ढाका में अधिकारियों के संपर्क में है. साथ ही उन्होंने कहा कि 19000 भारतीय अभी भी वहां फंसे हुए हैं. भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. बिगड़ते हालात को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (06 अगस्त) को राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि पूर्व पीएम शेख हसीना ने बहुत कम समय में भारत आने की इजाजत मांगी थी. विदेश मंत्री ने कहा कि उसी समय हमें उड़ान की अनुमति के लिए बांग्लादेशी अधिकारियों से एक आवेदन प्राप्त हुआ. जिसके बाद वह कल शाम यानी सोमवार (5 अगस्त) को दिल्ली पहुंचे.
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एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश के हालात पर नजर रख रही है. उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में शेख हसीना ने कल कुछ समय के लिए भारत आने की अनुमति मांगी और उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया गया और उन्हें यहां आने की अनुमति दी गयी. इसके साथ ही भारत बांग्लादेश के अधिकारियों से लगातार संपर्क में है.
एस जयशंकर ने आगे कहा, "पिछले 24 घंटों में, हम ढाका में भी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं. अब भी यही स्थिति है. मैं महत्वपूर्ण पड़ोस से संबंधित संवेदनशील मुद्दों पर सदन की समझ और समर्थन चाहता हूं. जिस पर वहाँ हमेशा एक मजबूत राष्ट्रीय सहमति रही है. जयशंकर ने यह भी कहा कि सरकार पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर नजर रख रही है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हसीना के जाने के बाद हुई हिंसा में हिंदू मंदिरों पर हमले किए गए और तोड़फोड़ की गई.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ समूह और संगठन निगरानी कर रहे हैं. हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन स्वाभाविक रूप से हम कानून-व्यवस्था बहाल होने तक बेहद चिंतित रहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि इस स्थिति को देखते हुए सीमा सुरक्षा बलों को भी अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है.
गौरतलब है कि, बांग्लादेश सेना ने शेख हसीना को इस्तीफा देने के लिए 45 मिनट का समय दिया था, जिसके बाद वह तुरंत इस्तीफा देकर देश छोड़कर चली गईं और ढाका हवाईअड्डे से उनके विमान के उड़ान भरने के बाद ढाका हवाईअड्डे को बंद कर दिया गया था. देश छोड़ने से पहले शेख हसीना देश की जनता को संबोधित करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें इसका मौका नहीं दिया गया.
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