Updated on: 06 April, 2025 10:22 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
गुजराती साहित्य में आजीवन सेवा के लिए सम्मेलन के दौरान पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री और प्रसिद्ध लेखक श्री रमेश पोखरियाल द्वारा प्रदान किया गया था.
साहित्य अकादमी
गुजरात साहित्य अकादमी गांधीनगर द्वारा शुरू किया गया पहला अमृत ग़ज़ल पुरस्कार श्री जवाहर बख्शी को गुजराती ग़ज़ल में उनके अविस्मरणीय योगदान के लिए प्रदान किया गया. गुजराती साहित्य में आजीवन सेवा के लिए वर्ष 2024 के लिए गांधीनगर में आयोजित राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन के दौरान पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री और प्रसिद्ध लेखक श्री रमेश पोखरियाल द्वारा प्रदान किया गया था.
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मंत्री श्री जयेंद्र जाधव गुजराती और साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री भाग्येश जहा ने डॉ. जवाहर बख्शी को प्रशस्ति पत्र और एक लाख रुपये का चेक प्रदान किया. 29-30 मार्च को गांधीनगर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन में बोलते हुए अमृत ग़ज़ल पुरस्कार से सम्मानित जवाहर बख्शी ने कहा कि उन्होंने शुद्ध गुजराती से ग़ज़ल लिखना शुरू किया.
राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन में श्री जवाहर बख्शी ने कहा कि जब मैंने ग़ज़ल लिखना शुरू किया, तो मैंने शराब साकी बुलबुल पारधी जैसे उर्दू शब्दों और प्रतीकों के बजाय शुद्ध गुजराती और शुद्ध काव्य ग़ज़ल लिखना शुरू कर दिया. श्री जवाहर बख्शी ने सूफीवाद के प्रति अपने प्रेम के साथ योग वेदांत की भूमिका में भी ग़ज़लें दीं.
ग़ज़ल की कठोर संरचना की सीमाओं का विस्तार करने के लिए, दुहा गीत छप्पा कुंडली भजन आख्यान और देसी छंदों और शास्त्रीय विषयों और अष्ट नायिका जैसी ग़ज़लों के साथ संयुक्त तलपड़ा प्रकारों ने गुजरात और भारत को अपने पैरों पर खड़ा कर लिया है. तीन बैठकों में साहित्य, समाज और संस्कृति पर विस्तृत और मौलिक चिंतन हुआ और बहुभाषी कवि सम्मेलन एवं संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष श्री संध्या पुरेचा के विद्यार्थियों द्वारा शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किये गये.
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