Updated on: 10 February, 2025 11:25 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान भीषण यातायात जाम और अव्यवस्था ने श्रद्धालुओं की कठिनाइयाँ बढ़ा दी हैं. लाखों तीर्थयात्री संगम तक नहीं पहुंच पा रहे, खाने-पीने और आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है.
X/Pics, Akhilesh Yadav
पवित्र महाकुंभ मेले में शामिल होने के लिए लाखों श्रद्धालु प्रयागराज की ओर उमड़ रहे हैं, लेकिन ट्रैफिक जाम और अव्यवस्थाओं ने उनकी आस्था की परीक्षा ले ली है. सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें, संगम तक न पहुंच पाने की बेचैनी और खाने-पीने तक के सामान की किल्लत—इन सभी ने कुंभ की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है.
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स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को शुक्रवार तक बंद करना पड़ा, क्योंकि वहां भीड़ संभालना मुश्किल हो गया था. यात्री फंसे हुए हैं, भोजन और पानी तक के लिए संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में अखिलेश यादव ने इस बदइंतजामी पर सरकार को घेरते हुए सवाल उठाए हैं.
प्रयागराज में चतुर्दिक जाम की वजह से न तो खाने-पीने के लिए खाद्यान्न और सब्ज़ी मसाले उपलब्ध हो पा रहे हैं और न ही दवाई, पेट्रोल-डीज़ल। इससे प्रयागराज व महाकुंभ परिसर तथा प्रयागराज आने-जानेवाले मार्गों पर फँसे करोड़ों भूखे-प्यासे, थके-हारे श्रद्धालुओं की हालत हर घंटे बद से बदतर… pic.twitter.com/AwXVwOLPZP
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 10, 2025
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बदहाली पर योगी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट जारी किया है. उन्होंने लिखा, "प्रयागराज में चारों ओर लगे जाम के कारण न केवल श्रद्धालु परेशान हैं, बल्कि शहर में खाने-पीने का सामान, सब्ज़ी-मसाले, दवाइयां और पेट्रोल-डीजल तक नहीं मिल पा रहे. महाकुंभ में फंसे करोड़ों श्रद्धालु भूखे-प्यासे, थके-हारे बदहाल हैं. हर बीतता घंटा स्थिति को बद से बदतर बना रहा है."
उन्होंने आगे तंज कसते हुए कहा, "जिस तरह राज्यों में संवैधानिक तंत्र के असफल होने पर शासन की कमान किसी और को दे दी जाती है, वैसे ही महाकुंभ की इस अव्यवस्था को देखते हुए भी सोचना होगा कि शासन किसी योग्य व्यक्ति को सौंपा जाए. झूठे प्रचार से व्यवस्थाएं नहीं चलतीं."
महाकुंभ मेले की व्यवस्था सरकार के दावों की तरह कागज़ी साबित हो रही है. सड़कों पर गाड़ियां रेंग रही हैं, श्रद्धालु संगम तक पहुंचने को तरस रहे हैं, और दुकानों में खाने-पीने की चीज़ों का अकाल पड़ चुका है. रेलवे और बस स्टैंड पर भी भीड़ बेकाबू हो चुकी है. इस बीच प्रशासनिक लापरवाही का आलम यह है कि श्रद्धालु खुद रास्ता बनाने और खाना जुटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि स्थिति जल्द सामान्य कर दी जाएगी और व्यवस्था को बेहतर बनाया जा रहा है. लेकिन श्रद्धालुओं का सब्र टूटने की कगार पर है. अखिलेश यादव के इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने भी महाकुंभ की अव्यवस्थाओं को लेकर सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है.
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