Updated on: 14 December, 2023 03:28 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
15 दिसंबर सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि है. वह भारत के इतिहास में एक महान व्यक्ति थे, जिन्हें हमारे देश की एकता और प्रगति में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए `भारत के लौह पुरुष` के रूप में सम्मानित किया गया.
सरदार वल्लभभाई पटेल/फाइल फोटो
15 दिसंबर सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि है. वह भारत के इतिहास में एक महान व्यक्ति थे, जिन्हें हमारे देश की एकता और प्रगति में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए `भारत के लौह पुरुष` के रूप में सम्मानित किया गया. 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात में जन्मे पटेल ने अपने अटूट नेतृत्व और दूरदर्शिता के माध्यम से एक अमिट छाप छोड़ते हुए अपना जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया.
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भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में, पटेल ने देश को औपनिवेशिक शासन से मुक्त कराने के लिए महात्मा गांधी और अन्य नेताओं के साथ अथक प्रयास किया. 1947 में स्वतंत्रता के बाद 500 से अधिक रियासतों को एकीकृत भारत में में उनका असाधारण दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण थी.
सरदार पटेल की दूरदर्शिता ने एकजुट भारत की नींव तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनका `लौह पुरुष` उपनाम विविध रियासतों को भारतीय संघ में एकजुट करने के उनके दृढ़ संकल्प को बखूबी दर्शाता है. उनके व्यावहारिक दृष्टिकोण और प्रेरक कौशल ने रियासतों के बीच आम सहमति बनाने में मदद की, जिससे उनका भारत में विलय सुनिश्चित हुआ, जिससे राष्ट्र की भौगोलिक और राजनीतिक रूपरेखा को आकार मिला.
पटेल को एकता की ताकत में दृढ़ विश्वास था और उनका मानना था कि एकजुट भारत ही उसकी प्रगति की आधारशिला होगी. राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए उनकी वकालत सीमाओं से परे थी, इस बात पर जोर देते हुए कि राष्ट्र की प्रगति जाति, पंथ या धर्म की परवाह किए बिना अपने लोगों के बीच एकता को बढ़ावा देने में निहित है.
उनकी विरासत राष्ट्र के प्रति एकता, अखंडता और अटूट समर्पण के प्रतीक के रूप में काम करते हुए पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. गुजरात में स्थित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, उनके अमूल्य योगदान और नेतृत्व के लिए एक स्मारकीय श्रद्धांजलि के रूप में खड़ी है, जो भारतीय इतिहास में उनके कद का प्रतीक है.
इस दिन हम सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्य तिथि मनाते हैं, उनके आदर्शों और सिद्धांतों पर विचार करना अनिवार्य है. उनका जीवन निस्वार्थता, दृढ़ संकल्प और राष्ट्र के कल्याण के प्रति उत्कट प्रतिबद्धता का उदाहरण है, जिसने लाखों लोगों को उनके मूल्यों का अनुकरण करने और एकजुट और समृद्ध भारत की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया.
सरदार पटेल की विरासत की भावना जीवित है, जो हमें एकता, अखंडता और समावेशिता के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है.
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