Updated on: 21 September, 2024 03:51 PM IST | Mumbai 
                                                    
                            Hindi Mid-day Online Correspondent                             
                                   
                    
शनिवार को यहां ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश रची गई थी. आपको बता दें कि वेस्टर्न रेलवे के वडोदरा डिविजन के हवाले से जो रिपोर्ट सामने आई है.
                वायरल वीडियो का स्क्रीन शॉट
सूरत से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. पता चला है कि सूरत के पास किम रेलवे स्टेशन पर बदमाशों ने साजिश (Kim रेलवे स्टेशन दुर्घटना) रची है. यहां यह बात सामने आई है कि शरारती तत्वों ने रेलवे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ की है. शनिवार को यहां ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश रची गई थी. आपको बता दें कि वेस्टर्न रेलवे के वडोदरा डिविजन के हवाले से जो रिपोर्ट सामने आई है, उसमें बताया गया है कि अज्ञात बदमाशों ने अप लाइन के रेलवे ट्रैक पर लगी फिशप्लेट और कुछ चाबियां हटा दी हैं. उन्होंने सूरत के पास कीम रेलवे स्टेशन के पास इन चाबियों को खोलकर और उन्हें वापस ट्रैक पर रखकर ट्रेन को पलटने की साजिश रची.
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सूरत के कोसंबा और कीम रेलवे स्टेशनों के बीच हुए इस हादसे में कीमैन सुभाष कुमार को जांच के दौरान ट्रैक की फिश प्लेट हटाने के बाद चाबियां बेतरतीब ढंग से फेंकी हुई मिलीं. इसकी जानकारी होने पर सुभाष कुमार ने तुरंत इसकी सूचना कंट्रोल रूम को दी और ट्रेनों की आवाजाही रोक दी. किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए इन चाबियों को ट्रैक से हटा दिया गया.
आपको बता दें कि यह घटना सुबह 5.27 बजे के आसपास हुई जब गरीब रथ ट्रेन बांद्रा टर्मिनस की ओर आ रही थी. लेकिन फिशप्लेट हटते ही ट्रेन को बीच में ही रोक दिया गया और चाबियां ट्रैक पर फेंकी हुई मिलीं. यह पहली बार नहीं है कि ऐसी घटना हुई है, इससे पहले भी यात्री और मालगाड़ियों को पटरी से उतारने की साजिशें सामने आ चुकी हैं. इस तरह की साजिश के बाद रेलवे की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं. यह बात सामने आ रही है कि रेलवे ट्रैक के साथ काफी समय से छेड़छाड़ की जा रही है.
कुछ समय पहले कानपुर में रेलवे ट्रैक पर सीमेंट का स्लैब बिछाया गया था. जिससे ट्रैक जाम हो गया. इसके साथ ही आपको बता दें कि 19 सितंबर को गुजरात में बुलेट ट्रेन के लिए आठ स्टेशनों के खतमुहूर्त का काम सफलतापूर्वक पूरा हो गया था. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के निदेशक प्रमोद शर्मा ने इस बारे में कहा, ``बुलेट ट्रेन तकनीक भारत में आ गई है और हम ``मेक इन इंडिया`` पहल के जरिए आगे बढ़ रहे हैं.``
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