एक नजर गोविंदा के फिल्मी सफर पर
21 दिसंबर 1963 को जन्मे गोविंदा का पूरा नाम गोविंदा आहूजा (जिन्हें प्यार से `चीची` भी कहा जाता है) है और उनके माता-पिता अरुण कुमार आहूजा और निर्मला देवी दोनों अभिनेता थे. गोविंदा के पिता अरुण 1940 और 1950 के दशक की शुरुआत में बॉलीवुड फिल्म उद्योग में सक्रिय थे और उन्होंने 20 से अधिक फिल्मों में काम किया. अरुण कुमार आहूजा को महबूब खान की 1940 की फिल्म औरत में अभिनय के लिए जाना जाता था. दिलचस्प बात यह है कि औरत ऑस्कर नामांकित 1957 की रीमेक मदर इंडिया की पूर्ववर्ती थी. (सभी तस्वीरें/मिड-डे आर्काइव और इंस्टाग्राम)
हालांकि गोविंदा फिल्म उद्योग पृष्ठभूमि से थे, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि उनका परिवार बहुत अमीर नहीं था. “जब मैंने इस उद्योग में काम करना शुरू किया, तो हम बहुत गरीब थे और हमारे लिए फिल्म देखने के लिए टिकट खरीदना कठिन था. लेकिन भगवान ने मुझे फिल्मों में काम करने का मौका दिया और उसकी वजह से मैं कुछ अच्छा काम कर पाया. उन्होंने कहा, ``मैं अपने दर्शकों का आभारी हूं जिन्होंने वर्षों से मेरा समर्थन किया है.``
गोविंदा 30 साल से अधिक समय से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हैं, लेकिन इंडस्ट्री में उनके कोई दोस्त नहीं हैं. `इंडस्ट्री में मेरा कोई दोस्त नहीं है और इस बात का मुझे गहरा अफसोस है. देर रात की पार्टियों में जाना और एक सामाजिक प्राणी बनना कभी भी मेरे बस की बात नहीं थी. उन्होंने हाल ही में मिड-डे को बताया, `मैं बस अपने काम पर ध्यान केंद्रित करना और अपना 100 प्रतिशत देना चाहता था.`
गोविंदा का दावा है कि सलमान खान और उनका परिवार इंडस्ट्री से उनके करीबी दोस्त हैं. वह कहते हैं, `सलमान [खान] और उनके परिवार के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं. वह एक अच्छे इंसान हैं और आपसी सराहना है.` हम एक जैसे हैं और इसीलिए मेरा मानना है कि हमारा समीकरण सही बैठता है. हम हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं.` जब मैं कहता हूं दोस्तों, तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम हर शाम बैठकर शराब पीते हैं या हर दिन मिलते हैं.`
गोविंदा को अपने दोस्त आनंद सिंह की बहन सुनीता से प्यार हो गया और दोनों ने 1987 में शादी कर ली. उन्होंने अपनी शादी को चार साल तक गुप्त रखा. गोविंदा के दो बच्चे हैं बेटा यशवर्धन और बेटी टीना आहूजा. टीना ने 2015 में सेकेंड हैंड हस्बैंड से बॉलीवुड में डेब्यू किया, लेकिन यह बॉक्स-ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रही.
आपको जानकर हैरानी होगी कि एक समय गोविंदा की एक साल में 14 फिल्में रिलीज होती थीं. लेकिन, अभिनेता को अपने करियर में गिरावट का भी सामना करना पड़ा. उन्होंने कई साक्षात्कारों में कहा है कि जब उन्होंने संघर्ष किया तो फिल्म उद्योग में किसी ने भी उनकी मदद नहीं की.
अपने कठिन दौर में गोविंदा को आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ा. उस दौर को याद करते हुए गोविंदा ने मिड-डे से कहा था, `आर्थिक दिक्कतें हों और फिर भी अपना नाम बरकरार रखना मुश्किल हो. लेकिन फिर, जब आपको एहसास होता है कि 1.5 अरब से अधिक आबादी वाले देश में केवल मुट्ठी भर लोग ही हीरो बन पाते हैं, तो आप विनम्र हो जाते हैं. मैं एक साधारण परिवार से आता हूं और मैंने कड़ी मेहनत और संघर्ष किया है.`
गोविंदा ने आगे कहा, `मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं स्टार बनूंगा या 15 साल से ज्यादा समय तक अपना स्टारडम बरकरार रखूंगा. मेरी यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन मैं आगे बढ़ता रहा. लोग अब भी मुझे अपने कॉमिक सुपरस्टार के रूप में पसंद करते हैं और आधा दर्जन से अधिक अभिनेता हैं जो इसे अपना विक्रय बिंदु बनाना चाहते हैं.`
गोविंदा ने 1986 में `इल्ज़ाम` से बॉलीवुड में डेब्यू किया और अब तक लगभग 145 फिल्मों में काम कर चुके हैं. अपने हास्य कौशल के लिए जाने जाने वाले अभिनेता का कहना है कि एक समय था जब वह फिल्मों में रोमांटिक दृश्य करने में अच्छे नहीं थे.
`मैं रोमांटिक दृश्यों में बहुत अच्छा नहीं था. मेरी पहली फिल्म इल्जाम में एक डांस सीक्वेंस था, जहां मुझे दौड़कर अपनी सह-कलाकार नीलम के करीब आना था, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सका. मैं कांपने लगा और बुखार जैसा महसूस होने लगा. हमारी कोरियोग्राफर सरोज खान ने इस पर ध्यान दिया और उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मेरी कभी कोई गर्लफ्रेंड थी. मैंने कहा नहीं. वह मुस्कुराईं और कहा कि वह मुझे सिखाएंगी कि स्क्रीन पर रोमांस कैसे किया जाता है,` मिड-डे के साथ एक साक्षात्कार में गोविंदा ने याद किया.
गोविंदा ने हीरो नंबर 1, दूल्हे राजा, बड़े मियां छोटे मियां, राजा बाबू, साजन चले ससुराल और पार्टनर जैसी कई हिट फिल्में दी हैं. एक्टर ने कबूला था कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह इतने बड़े स्टार बनेंगे.
`मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतना मशहूर हो जाऊंगा और लोग अपना प्यार और आशीर्वाद देंगे. मुझे उम्मीद है कि यह बिना शर्त प्यार जारी रहेगा.` अभिनेता तब तक फ्लॉप अभिनेता नहीं है जब तक वह सोचता है कि वह खत्म हो गया है. मुझे कभी डर नहीं लगा या मुझे ऐसा नहीं लगा कि मैं असफल हो गया हूं. गोविंदा ने कहा, ``मैं पीछे नहीं हटता और चाहे कोई भी दौर और समय हो, मैं अभी भी काम कर रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा.``
बॉलीवुड की गुटबाजी के बारे में अधिक जानकारी देते हुए गोविंदा ने कहा, `बॉलीवुड में बड़े पैमाने पर खेमेबाजी है. मैं कभी भी किसी कैंप से नहीं जुड़ा लेकिन मुझे लगता है कि यह एक गलत कदम था. मुझे होना चाहिए था. इसका असर आपके करियर पर पड़ता है. यह एक बड़ा परिवार है. उस एक परिवार में, यदि आप सामंजस्य बनाते हैं और अच्छे संबंध बनाते हैं, तो यह काम करता है. यदि आप इसका हिस्सा हैं, यदि आप आशीर्वाद देते हैं.
गोविंदा ने वास्तव में कई लोगों को प्रेरणा दी है. उनका दृढ़ संकल्प, अपनी कला के प्रति ईमानदारी और कड़ी मेहनत रंग लाई. आज हर उम्र का व्यक्ति उनका और उनकी फिल्मों का फैन है.
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