Updated on: 13 April, 2024 12:47 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
Vaisakhi 2024: बैसाखी (Baisakhi) के पर्व को वैसाखी (Vaisakhi 2024) के नाम से भी जाना जाता है. बैसाखी (Baisakhi) का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है. हर साल बैसाखी का त्योहार 13 या 14 अप्रैल को ही मनाया जाता है.
फोटो आईस्टॉक
Vaisakhi 2024: बैसाखी (Baisakhi) के पर्व को वैसाखी (Vaisakhi 2024) के नाम से भी जाना जाता है. बैसाखी (Baisakhi) का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है. हर साल बैसाखी का त्योहार 13 या 14 अप्रैल को ही मनाया जाता है. हर साल बैसाखी के दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं. इस साल 13 अप्रैल यानी आज बैसाखी मनाई जा रही है. इस दिन पंजाब और हरियाणा में फसलों की कटाई शुरू हो जाती है.
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क्या है बैसाखी का महत्व
बैसाखी सिख समुदाय का धार्मिक और ऐतिहासिल त्योहार है. इस त्योहार को बेहद खुशी और आनंद के साथ मनाते हैं. इस त्योहार से ही सिखों का नया साल शुरू हो जाता है. माना जात है कि सिख पंथ के गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी इसलिए इस दिन को सिखों के नववर्ष और सिख धर्म की स्थापना के रूप में जाना जाता है.
कुछ इस तरह मनाया जाता है बैसाखी
बैसाखी पर गुरुद्वारों को सजाया है. सिख समुदाय के लोग गुरुवाणी सुनते हैं. इस दिन घरों में पारंपरिक पकवान बनाए जाते हैं. घरों में लकड़ियों का समूह अलाव की तरह जलाकर उसके चारों ओर भांगड़ा और गिद्दा किया जाता है. सभी एक दूसरे मिलते हैं बैसाखी की बधाइयां देते हैं.
ये है बैसाखी का दूसरा नाम
बैसाखी के दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते है. इस कारण इस दिन को मेष संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. इसे विषुवत संक्रांति भी कहा जाता है. इस दिन की खास बात है कि इसे हर साल 13 अप्रैल को ही मनाया जाता है मान्यता है सिख धर्म की स्थापना इसी दिन तारीख के अनुसार हुआ था.
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