Updated on: 22 September, 2025 08:49 AM IST | Mumbai
Samiullah Khan
मालवानी पार्किंग हत्याकांड को लेकर गुस्साए परिजन, दोस्तों और स्थानीय लोगों ने रविवार को सड़क जाम कर आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की.
Pic/Special Arrangement by Samiullah Khan
मालवानी पार्किंग हत्याकांड के आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिवार, दोस्तों और स्थानीय लोगों ने रविवार को उपनगरीय मुंबई में सड़क जाम कर दी.
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मालवानी में अवैध पार्किंग माफिया विवाद में पिछले महीने एक युवा कैब चालक की मौत हो गई थी, जिस पर बेरहमी से हमला किया गया और चाकू मारकर उसकी हत्या कर दी गई.
मृतक की पहचान 27 वर्षीय साहिल शाहिद गुज्जर के रूप में हुई है, जो कांदिवली पश्चिम के गणेश नगर का निवासी था और किराए पर ओला कैब चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था.
मालवानी के प्लॉट नंबर 50, लैगून रोड के पास उस पर हमला किया गया - जो अवैध पार्किंग के लिए कुख्यात इलाका है.
परिवार ने आरोप लगाया कि लगभग एक महीने बाद भी, दो आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिनके नाम पुलिस द्वारा जाँच के दौरान प्राथमिकी में जोड़े गए थे, लेकिन पुलिस ने अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है.
रविवार दोपहर, स्थानीय लोग दो और लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिवार के साथ एक विरोध मार्च में शामिल हुए.
प्रदर्शन के कारण यातायात में भारी जाम लग गया. कई वाहन फँसे हुए थे और लोगों को अपने गंतव्य तक पहुँचने में काफी मुश्किल हो रही थी.
भीड़ ने पुलिस से कार्रवाई की माँग करते हुए नारे भी लगाए.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, घटना तब शुरू हुई जब मृतक अपनी शिफ्ट खत्म करके लौटा और ऑफिस के सामने पार्किंग में अपनी कार पार्क करने आया. कार में पेट्रोल नहीं था, जिससे बहस हो गई. आरोपी ओवैस शेख, जो पार्किंग का प्रबंधन करने के अलावा रात में ओला कैब भी चलाता था, इस मुद्दे पर पीड़ित से भिड़ गया. झगड़ा जल्द ही मारपीट में बदल गया.
उसके छोटे भाई, 19 वर्षीय आदिल शाहिद गुज्जर द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार, घटना 15 अगस्त की शाम लगभग 7 बजे शुरू हुई जब आदिल को एक दोस्त का फोन आया कि साहिल एक झगड़े में शामिल है. इसके तुरंत बाद, एक अन्य परिचित ने उसे बताया कि साहिल का फारूक शेख और ओवैस शेख, जो पार्किंग का प्रबंधन करते थे, के साथ झगड़ा हुआ था और उसकी नाक में चोट लग गई थी. लगभग 8 बजे घटनास्थल पर पहुँचने पर आदिल ने देखा कि साहिल की नाक से खून बह रहा था. साहिल ने बताया कि फ़ारूक और ओवैस ने पार्किंग को लेकर उससे बहस की, उसे घूँसा मारा और चेतावनी दी कि वह उनके साथियों को यूँ ही न बुलाए, बल्कि उन्हें आदरपूर्वक "पांडे-भाई" और "साजिद-भाई" कहे.
जैसे ही आदिल साहिल को अस्पताल ले जाने की कोशिश कर रहा था, मामला बिगड़ गया. फ़ारूक और ओवैस कथित तौर पर लाल रंग में "313" नंबर लिखे एक सुजुकी बर्गमैन स्कूटर पर सवार होकर लौटे, उनके साथ लोहे की छड़ों से लैस चार-पाँच अज्ञात लोग थे. स्कूटर की डिक्की खोलकर उन्होंने हथियार निकाल लिए. फ़ारूक के हाथ में लोहे की छड़ थी, जबकि ओवैस के हाथ में एक चाकू था. बिना किसी उकसावे के, ओवैस ने कथित तौर पर साहिल के पेट में चाकू घोंप दिया.
जब आदिल ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो फ़ारूक ने उस पर छड़ तान दी, लेकिन वह बच निकला. दूसरे लोगों ने उसे रोक लिया और घूँसों और छड़ों से उसकी पिटाई की. कोई भी राहगीर आगे नहीं आया. साहिल बेहोश होकर गिर पड़ा, उसका खून बहुत ज़्यादा बह रहा था और चाकू के घाव से उसकी आंतें बाहर निकल आई थीं, और हमलावर अपने हथियार लेकर भाग गए. पुलिस ने बताया कि ओवैस ने खुद को अस्पताल में भर्ती कराया और पुलिस को बताया कि मृतक ने उस पर हमला किया था.
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