होम > मुंबई > मुंबई क्राइम न्यूज़ > आर्टिकल > गोवंडी पुलिस की बड़ी सफलता, 45 लाख रुपये लूट के आरोपी कई राज्यों में पीछा कर पकड़े गए

गोवंडी पुलिस की बड़ी सफलता, 45 लाख रुपये लूट के आरोपी कई राज्यों में पीछा कर पकड़े गए

Updated on: 30 September, 2025 10:34 AM IST | Mumbai
Aishwarya Iyer | mailbag@mid-day.com

मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट तेजप्रकाश डांगी से 45 लाख रुपये की लूट के मामले में गोवंडी पुलिस ने नितेश और राहुल महतो नाम के दो ड्राइवरों को गिरफ्तार किया. बिहार से 36.35 लाख रुपये बरामद किए गए.

राहुल (बाएं) और नितेश महतो. Pics/By Special Arrangement

राहुल (बाएं) और नितेश महतो. Pics/By Special Arrangement

कई राज्यों में एक नाटकीय पुलिस अभियान के तहत मुंबई के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) से 45 लाख रुपये की नकदी चुराने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गोवंडी पुलिस ने खुफिया सूचनाओं और गुप्त फील्ड वर्क की मदद से बिहार में संदिग्धों का पता लगाया और 36,35,600 रुपये की नकदी बरामद की.

पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता भक्ति पार्क, वडाला में रहने वाले 58 वर्षीय तेजप्रकाश डांगी नामक एक सीए हैं, जिन्होंने नितेश कुमार महतो और उनके चचेरे भाई राहुल कुमार महतो नाम के ड्राइवरों को नौकरी पर रखा था. ड्राइवरों ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता की कार में रखे 45 लाख रुपये से भरा बैग लूट लिया.


यह घटना 19 सितंबर को रात करीब 8 बजे हुई और इसके तुरंत बाद, सीए ने गोवंडी पुलिस से संपर्क किया और एक प्राथमिकी दर्ज कराई.


वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक पंढरीनाथ सावंत के मार्गदर्शन में, जाँच इकाई और अन्य पुलिस अधिकारियों की एक विशेष टीम का गठन किया गया ताकि जाँच तेजी से शुरू की जा सके.

प्रारंभिक पूछताछ के बाद, टीम ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में व्यापक तलाशी ली, जो अंततः बिहार के समस्तीपुर जिले तक पहुँची, जहाँ दोनों छिपे हुए थे.


इस अभियान में छह दिनों तक ज़मीनी निगरानी और तकनीकी जाँच शामिल थी, जिसके बाद दोनों आरोपियों को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया.

पुलिस ने बताया कि उनकी हिरासत से चोरी की गई 36,35,600 रुपये की राशि बरामद की गई, जो आरोपियों ने जमा कर रखी थी. इसके बाद दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई लाया गया और शहर की एक अदालत ने उन्हें आगे की जाँच के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया.

एक अधिकारी ने बताया कि बाकी राशि गायब है, इसलिए उनसे पैसे खर्च करने के तरीके का पता लगाने के लिए पूछताछ की जाएगी.

पुलिस को दिए गए डांगी के बयान के अनुसार, नितेश कुमार आठ महीने से ड्राइवर के रूप में कार्यरत था और उसने उसका विश्वास अर्जित कर लिया था. बाद में उसने अपने चचेरे भाई राहुल कुमार की सिफारिश की, जिसे बाद में चपरासी के रूप में नौकरी मिल गई. चोरी से तीन महीने पहले तक दोनों वडाला के शांतिनगर में किराए के कमरे में रह रहे थे.

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK