Updated on: 14 February, 2025 10:44 AM IST | mumbai
Samiullah Khan
वसई ईस्ट में दीवार के पास पेशाब करने पर दो युवकों को सुरक्षा गार्ड और कथित भू-माफिया गुर्गों ने बेरहमी से पीटा. हैरानी की बात यह रही कि पुलिस ने हमलावरों पर कार्रवाई करने के बजाय घायल युवकों को ही घंटों हिरासत में रखा.
नाबालिग लड़का (बाएं) और 22 वर्षीय यश कनौजिया (दाएं), जिन दो लड़कों पर हमला किया गया था.
वसई ईस्ट में सुबोध औद्योगिक परिसर की दीवार के पास पेशाब करने पर 3 फरवरी को सुरक्षा गार्ड और कथित भू-माफिया गुर्गों ने दो लोगों पर बेरहमी से हमला किया. हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, पुलिस ने कथित तौर पर घायल पीड़ितों को घंटों तक थाने में हिरासत में रखा. जब उनके माता-पिता हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने पहुंचे, तो पुलिस ने घायल लड़कों और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और उन्हें मामले में सह-आरोपी बना दिया.
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सूत्रों के अनुसार, जब गिरफ्तार लोगों को अदालत में पेश किया गया, तो उनके वकील ने दलील दी और दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है और पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया. मामले की समीक्षा करने के बाद, अदालत ने जांच अधिकारी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही जारी की, गिरफ्तार व्यक्तियों को रिहा करने का आदेश दिया और एसीपी को मामले की जांच करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
सूत्रों के अनुसार, वसई ईस्ट के तुंगर फाटा निवासी 22 वर्षीय यश कनौजिया और उसके दोस्त (नाबालिग) पर एक सुरक्षा गार्ड सहित कुछ लोगों ने हमला किया. दोनों पर तब हमला किया गया जब वे औद्योगिक परिसर में पेशाब करते पाए गए. जब सुरक्षा गार्ड ने आकर उन्हें रोका तो बहस छिड़ गई और इसके बाद छह से सात लोग वहां पहुंचे और बांस के डंडों से दोनों पर हमला कर दिया. जब दोनों ने इलाज करवाने के बाद शिकायत दर्ज करवाने के लिए पुलिस स्टेशन का दौरा किया तो पुलिस ने उन्हें पूरी रात और अगले दिन भी बैठाए रखा. मामले की जानकारी मिलने पर कनौजिया और घायल नाबालिग के परिवार के सदस्य न्याय की गुहार लगाने पुलिस स्टेशन गए. जब उन्होंने मामले की प्रगति के बारे में पूछा तो पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया कि कार्रवाई की जा रही है. बाद में पुलिस ने कनौजिया और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. मिड-डे से बात करते हुए कनौजिया के वकील भास्कर झा ने कहा, "हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, पुलिस ने पीड़ितों के खिलाफ मामला दर्ज किया और कनौजिया को गिरफ्तार कर लिया. इससे भी ज़्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि कनौजिया को खाना देने के लिए थाने गए व्यक्ति को भी झूठे आरोप में फंसाकर गिरफ़्तार कर लिया गया.
पुलिस का कहना
डीसीपी जयंत बजबले, एमबीवीवी पुलिस ‘दोनों पक्षों की ओर से क्रॉस एफआईआर दर्ज की गई है. मैंने पेल्हर पुलिस अधिकारियों को निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने और इसमें शामिल किसी भी अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है’
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