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वसई-विरार घोटाला: ED ने मारा छापा, 32 करोड़ की काली कमाई जब्त

Updated on: 16 May, 2025 01:45 PM IST | Mumbai
Diwakar Sharma | diwakar.sharma@mid-day.com

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वसई-विरार अवैध निर्माण घोटाले की जांच के तहत मुंबई और हैदराबाद में 13 स्थानों पर छापेमारी कर लगभग 32 करोड़ रुपये की नकदी, सोना और हीरे जड़े आभूषण जब्त किए। यह कार्रवाई 14-15 मई 2025 को पीएमएलए के तहत की गई.

Pic/ED

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की हाइलाइट्स

  1. ईडी ने मुंबई और हैदराबाद में 13 ठिकानों पर छापेमारी की
  2. करीब 9.04 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ के गहने जब्त किए
  3. कार्रवाई वसई-विरार अवैध निर्माण घोटाले के तहत की गई

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मुंबई क्षेत्रीय इकाई ने गुरुवार को मुंबई और हैदराबाद में 13 स्थानों पर छापे मारे और वसई-विरार `अवैध निर्माण घोटाले` में 32 करोड़ रुपये की नकदी और आभूषण जब्त किए, अधिकारियों ने कहा.

उन्होंने कहा कि तलाशी अभियान 14 और 15 मई, 2025 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत चलाया गया था.


ईडी के अनुसार, तलाशी में लगभग 9.04 करोड़ रुपये नकद और लगभग 23.25 करोड़ रुपये के हीरे जड़े आभूषण और सोना जब्त किया गया.


अधिकारियों ने कहा कि बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए.

ईडी ने कहा कि मीरा भयंदर वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस आयुक्तालय द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की गई थी. ये मामले वसई विरार नगर निगम (VVMC) के अधिकार क्षेत्र में सरकारी और निजी भूमि पर 2009 से आवासीय और व्यावसायिक भवनों के अवैध निर्माण से संबंधित हैं.


इसमें कहा गया है कि शहर की स्वीकृत विकास योजना के अनुसार, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और डंपिंग ग्राउंड के लिए आरक्षित भूमि पर कम से कम 41 अवैध इमारतों का निर्माण किया गया था. बिल्डरों और डेवलपर्स पर फर्जी स्वीकृति दस्तावेजों का उपयोग करके इन अनधिकृत इमारतों में फ्लैट बनाकर और बेचकर जनता को धोखा देने का आरोप है. कई खरीदारों को गुमराह किया गया, जबकि डेवलपर्स को पता था कि इमारतों को अंततः ध्वस्त कर दिया जाएगा.

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 8 जुलाई 2024 को सभी 41 अवैध संरचनाओं को ध्वस्त करने का आदेश दिया. प्रभावित परिवारों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को बाद में खारिज कर दिया गया. 20 फरवरी 2025 को वीवीएमसी द्वारा ध्वस्तीकरण किया गया. इसके बाद, 41 अवैध इमारतों में रहने वाले परिवारों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई जिसे खारिज कर दिया गया.

वीवीएमसी ने 20 फरवरी, 2025 को सभी 41 इमारतों को ध्वस्त करने का काम पूरा कर लिया. ईडी की जांच में पता चला है कि इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण 2009 से चल रहा है. यह पाया गया है कि वसई विरार नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में बड़े पैमाने पर घोटाले के मुख्य अपराधी सीताराम गुप्ता, अरुण गुप्ता और अन्य हैं. अधिकारियों ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया है कि इन अनधिकृत या अवैध इमारतों का निर्माण वीवीएमसी के विभिन्न अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया था. जांच में बिल्डरों और वीवीएमसी के कुछ अधिकारियों के बीच मिलीभगत का पता चला है. वीवीएमसी में टाउन प्लानिंग के उप निदेशक वाई.एस. रेड्डी के आवास पर तलाशी के दौरान अधिकारियों ने 8.6 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ रुपये की कीमती चीजें जब्त कीं. तलाशी के दौरान मिले आपत्तिजनक दस्तावेजों से बड़े पैमाने पर घोटाले पर और रोशनी पड़ी, जिससे वसई-विरार क्षेत्र में गहरी जड़ें जमाए हुए भ्रष्टाचार और अनधिकृत निर्माण गतिविधियों का खुलासा हुआ.

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