Updated on: 09 December, 2024 07:04 PM IST | Mumbai 
                                                    
                            Hindi Mid-day Online Correspondent                             
                                   
                    
इसके बाद मुंबई नगर निगम ने 1 हजार 963 बैनर और झंडे शहर से हटा दिए हैं. समारोह आजाद मैदान में आयोजित किया गया. इसलिए 1963 बैनर, 763 झंडे इस क्षेत्र में थे.
 
                देवेन्द्र फड़नवीस (फाइल फोटो)
5 दिसंबर, 2024 को मुंबई में देवेंद्र फड़नवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और एकनाथ शिंदे और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. यह समारोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में मुंबई के आज़ाद मैदान में आयोजित किया गया था. इसके बाद मुंबई नगर निगम ने 1 हजार 963 बैनर और झंडे शहर से हटा दिए हैं. देवेन्द्र फड़णवीस का शपथ ग्रहण समारोह आजाद मैदान में आयोजित किया गया. इसलिए 1963 बैनर, 763 झंडे इस क्षेत्र में थे.
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5 दिसंबर को देवेंद्र फड़णवीस का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया था. समारोह से पहले यह घोषणा की गई कि 4 दिसंबर को देवेंद्र फड़णवीस राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे. जिसके बाद मुंबई के कई हिस्सों में देवेंद्र फड़नवीस को बधाई देने वाले बैनर और झंडे लगाए गए. जिनमें से 766 बैनर आजाद मैदान इलाके में लगाए गए.
मुंबई आयुक्त भूषण गगरानी और अतिरिक्त आयुक्त अश्विनी जोशी ने शनिवार को अधिकारियों को मुंबई में स्वच्छता अभियान चलाने का निर्देश दिया. इसके बाद एक सफाई अभियान चलाया गया और मुंबई नगर निगम द्वारा 1963 बैनर और झंडे हटा दिए गए. मुंबई नगर निगम के अनुसार, 912 झंडे, 583 राजनीतिक बैनर और धार्मिक और सामाजिक सामग्री या संदेश वाले 443 बैनर हटा दिए गए हैं.
गौरतलब है कि महायुति के एकनाथ शिंदे खेमे और अजित पवार खेमे के बीच खींचतान में फंसा आलाकमान मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तीसरा चेहरा देखना चाहता था, लेकिन बहुमत के बावजूद पार्टी पेचीदगी और अस्थिरता से डरी हुई है महाराष्ट्र की राजनीति ने तुरंत ऐसा कोई प्रयोग करने से परहेज किया है और पुराने फॉर्मूले के तहत देवेंद्र ने फड़णवीस के नाम पर मुहर लगा दी.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की ऐतिहासिक जीत में बीजेपी मुख्य भागीदार है, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति बनाने के लिए 10 दिनों तक कई बैठकें हुईं. सबसे मुश्किल काम था एकनाथ शिंदे को मनाना. सरकार से बाहर रहकर उपमुख्यमंत्री का समर्थन करने के मूल में शिंदे ही थे. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन ने देवेन्द्र फड़नवीस की ताकत पर सवाल खड़े कर दिए थे, लेकिन हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में देवेन्द्र फड़नवीस ने बीजेपी की झोली में 132 सीटें जोड़ दीं और एकनाथ शिंदे को 57 सीटों के साथ काफी पीछे छोड़ दिया. हालांकि, मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए पिछले दस दिनों में फड़णवीस को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
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