Updated on: 22 April, 2024 09:37 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
गुरुवार देर शाम लड़कियों को दिक्कत होने लगी. कुछ छात्रों ने अनुमान लगाया है कि छात्रावास में पीने के पानी की सुविधा दूषित थी.
युवा सेना के सदस्य प्रदीप सावंत ने कहा, `हमें जल प्रदूषण का संदेह है और हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.`
मुंबई विश्वविद्यालय के नए गर्ल्स हॉस्टल से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. पिछले कुछ दिनों में गर्ल्स हॉस्टल में रह रही 40 से अधिक छात्र बीमार पड़ गए हैं. किसी को उल्टी होने लगी तो किसी को दस्त. घटना का कारण स्पष्ट नहीं है. गुरुवार देर शाम लड़कियों को दिक्कत होने लगी. कुछ छात्रों ने अनुमान लगाया है कि छात्रावास में पीने के पानी की सुविधा दूषित थी. हालांकि, हॉस्टल की वार्डन प्रोफेसर मधुरा कुलकर्णी ने कहा, `हम पानी की जांच करा रहे हैं और रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. हालाँकि, संदूषण का कोई संकेत नहीं है क्योंकि हम इसे अच्छी तरह से बनाए रखते हैं.
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कुछ छात्रों के साथ-साथ वार्डन ने सुझाव दिया कि इसका कारण गर्मी हो सकती है. उन्होंने कहा, `परीक्षाएं अभी चल रही हैं और कई लोगों के लिए, वे दोपहर के समय होती हैं, जिससे यह संभावना है कि ये मुद्दे गर्मी से संबंधित हो सकते हैं.` मास्टर ऑफ आर्ट्स (थिएटर) के छात्र गोरल पोहाने ने बताया कि घटना वाले दिन हॉस्टल में थोड़ी देर के लिए बिजली गुल हो गई थी. उन्होंने कहा, `ज्यादातर छात्र ठीक हो गए हैं, लेकिन कुछ अभी भी अस्वस्थ हैं.` उन्होंने यह भी कहा कि छात्र अगले दिन केवल परिसर के स्वास्थ्य केंद्र में ही जा सकते हैं क्योंकि यह शाम 4 बजे तक बंद हो जाता है.
उसने आगे कहा, `वार्डन बहुत मददगार रही है… उसे कुछ छात्रों को परिसर के बाहर चिकित्सा सुविधाओं में ले जाना पड़ा. कई छात्रों ने भी स्व-चिकित्सा की और हल्के लक्षणों को अपने दम पर प्रबंधित किया.` कुलकर्णी की तरह पोहाणे का भी मानना है कि यह स्थिति गर्मी के कारण है. उन्होंने कहा, `ऐसे कई लोग थे जो इससे प्रभावित नहीं हुए थे.` उन्होंने कहा कि छात्रावास की कुल संख्या लगभग 140 है और कुछ छात्र घर वापस भी चले गए हैं.
इस बीच, युवा सेना (यूबीटी) ने इस मुद्दे को प्रबंधन के ध्यान में लाया है. युवा सेना के सदस्य प्रदीप सावंत ने कहा, `हमें जल प्रदूषण का संदेह है और हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद हमारी मांग छात्रों के लिए चौबीसों घंटे चिकित्सा सेवाएं है. कुछ डॉक्टरों को चौबीसों घंटे स्वास्थ्य चौकी पर तैनात रहने की जरूरत है.`
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