Updated on: 08 October, 2024 08:11 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
पुलिस ने कहा कि आरबीआई जैसे संस्थानों से कॉल आने के बाद पीड़ित घोटाले का शिकार हो गई. जो फर्जी कॉल निकले.
प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई की एक 65 वर्षीय महिला से एक डेटिंग ऐप पर खुद को अमेरिकी इंजीनियर बताकर एक धोखेबाज ने 1.3 करोड़ रुपये की ठगी की. पुलिस ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) जैसे विभिन्न वित्तीय संस्थानों के `प्रतिनिधियों` से कॉल आने के बाद पीड़ित घोटाले का शिकार हो गई. जो फर्जी कॉल करने वाले निकले.
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शिकायतकर्ता 65 वर्षीय गृहिणी है. अप्रैल 2023 में, डेटिंग ऐप `इंटरनेशनल क्यूपिड` का उपयोग करते समय, उसकी मुलाकात पॉल रदरफोर्ड नाम के एक व्यक्ति से हुई. उसने उसे बताया कि वह फिलीपींस में काम करने वाला एक अमेरिकी सिविल इंजीनियर है. उससे दोस्ती करने के बाद, रदरफोर्ड ने दावा किया कि फिलीपींस में उसके निर्माण स्थल पर एक दुर्घटना हुई थी और गिरफ्तारी और अमेरिका निर्वासन से बचने के लिए उसे पैसे की जरूरत थी. अप्रैल और जून 2023 के बीच, उसने उसे बिटकॉइन में पैसे भेजे.
रदरफोर्ड ने पैसे लौटाने का वादा किया. उसने उसे बताया कि उसने 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर का पार्सल कूरियर से भेजा है. जून 2023 में, उन्हें प्रिया शर्मा नाम की एक महिला का फोन आया, जिसने खुद को दिल्ली हवाई अड्डे का अधिकारी बताया और कहा कि उसका पार्सल हवाई अड्डे के सीमा शुल्क विभाग ने जब्त कर लिया है. कई महीनों के दौरान, उन्होंने पार्सल जारी करने के लिए सरकारी शुल्क के रूप में शर्मा के निर्देशानुसार विभिन्न रकम का भुगतान किया.
जनवरी 2024 में, उनसे बैंक ऑफ अमेरिका, नई दिल्ली का कर्मचारी होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने संपर्क किया था. उसने उसे बताया कि पार्सल से 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर बैंक ऑफ अमेरिका में ट्रांसफर कर दिए गए हैं. उसने अपने नाम का एटीएम कार्ड भेजा. वह फर्जी कार्ड निकला. इसके अलावा उनके पास आरबीआई और आईएमएफ अधिकारी बनकर दो महिलाओं के फोन आए. उन्होंने उन्हें एक पत्र भेजा, जिसके लेटरहेड पर आरबीआई और गृह मंत्रालय लिखा हुआ था. उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर को भारतीय मुद्रा में बदल दिया जाएगा और उनके बैंक खाते में 17 करोड़ रुपये जमा कर दिए जाएंगे.
6 मई को, उनसे एनपीसीआई के कर्मचारी होने का दावा करने वाले दो लोगों ने संपर्क किया. उनसे वादा किया गया था कि उन्होंने अब तक जो भी पैसा चुकाया है वह उन्हें वापस कर दिया जाएगा, लेकिन उन्हें एनपीसीआई को एक शुल्क देना होगा. `एक प्रमुख निजी बैंक के बैंकर` ने भी उन्हें फोन किया और एनपीसीआई से प्राप्त राशि के लिए `इंटरसिटी शुल्क` का भुगतान करने के लिए कहा.
शिकायतकर्ता ने जून 2024 तक जालसाजों को कुल 1.3 करोड़ रुपये का भुगतान किया. उसने अपनी पुलिस शिकायत में कहा है कि उसे जालसाजों से लगातार फोन आ रहे हैं और अधिक पैसे की मांग की जा रही है. उसने यह भी कहा कि उसने रुपये का भुगतान किया था. 1.3 करोड़, उसके बैंक रिकॉर्ड की जांच करनी होगी कि उसने और कितने पैसे ट्रांसफर किए. साइबर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और आगे की जांच कर रही है.
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