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तटीय जिलों के भूमिपुत्रों के अधिकारों पर आदित्य ठाकरे का बड़ा ऐलान, शिंदे सरकार पर बोला तीखा हमला

Updated on: 29 October, 2024 12:58 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) ने तटीय जिलों के भूमिपुत्रों के अधिकारों के मुद्दे पर शिंदे सरकार की कड़ी आलोचना की है.

X/Pics, Aaditya Thackeray

X/Pics, Aaditya Thackeray

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान महा विकास अघाड़ी (माविया) और महायुती के बीच राजनीतिक संघर्ष गहराता जा रहा है. इसी कड़ी में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) ने तटीय जिलों के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं. पार्टी नेता आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट जारी करते हुए वर्तमान शिंदे सरकार की तीखी आलोचना की. आदित्य ठाकरे ने अपने पोस्ट में आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे और भाजपा सरकार कोलीवाडा और गावठानों के भूमिपुत्रों को `क्लस्टर विकास` आवास नीति के तहत बिल्डरों को सौंपने की कोशिश कर रहे हैं.

आदित्य ठाकरे के अनुसार, शिवसेना (उद्धव गुट) हमेशा से कोली, आगरी, भंडारी, कुनबी और आदिवासी समुदायों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध रही है और आगे भी इस प्रतिबद्धता को कायम रखेगी. ठाकरे ने बताया कि 27 अक्टूबर, 2024 को महाराष्ट्र के सात तटीय जिलों के प्रतिनिधियों के साथ एक सार्वजनिक बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बनी, जिसमें भूमिपुत्रों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए गए.


मुख्य घोषणाओं में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि शिवसेना (उद्धव गुट) तटीय क्षेत्रों के `मलिन बस्तियों` के वर्गीकरण को रद्द कर देगी और भूमिपुत्रों के लिए क्लस्टर विकास नीति के प्रावधान को भी समाप्त कर देगी. इसके अलावा, महाराष्ट्र के सीजेडएमपी के तहत कोली समुदाय के गांवों, संपत्तियों और पर्यावरणीय अधिकारों को संरक्षित रखा जाएगा. ठाकरे ने सीमांकन प्रक्रिया को जारी करने और भूमिपुत्रों को भूमि अधिकार प्रदान करने की बात भी कही, जैसा कि कुछ वर्षों पहले ओडिशा में किया गया था.
पार्टी ने कहा कि वह समुचित और टिकाऊ नीतियों के तहत इन इलाकों में आत्म-विकास को बढ़ावा देने और बुनियादी ढांचे के अद्यतन के साथ-साथ विरासत संरक्षण पर जोर देगी. इसके अलावा, मछुआरा समुदाय, विशेषकर महिलाओं के लिए, सुविधाओं और स्वच्छ बाज़ार उपलब्ध कराए जाएंगे.


 


 

आदित्य ठाकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी, माविया के कार्यकाल के दौरान कोलीवाडे और गावठानों का सीमांकन शुरू कर चुकी थी. हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि शिंदे-भाजपा शासन ने इस कार्य को रोक दिया. ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार ने यह भी स्पष्ट किया था कि इन क्षेत्रों को एसआरए के अंतर्गत नहीं लाया जा सकता. उन्होंने कहा, "हम किसी भी कीमत पर बिल्डरों को भूमिपुत्रों की जगह कब्जाने नहीं देंगे और उनके अधिकारों को सुरक्षित रखेंगे."

इस बयान से चुनावी माहौल में और भी तनाव बढ़ने की संभावना है, क्योंकि शिवसेना (उद्धव गुट) और भाजपा के बीच भूमिपुत्रों के अधिकारों के मुद्दे पर आमने-सामने की लड़ाई अब तेज हो गई है.

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