Updated on: 23 August, 2025 09:14 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने आगामी बीएमसी चुनाव 2025 की तैयारियों के तहत मुंबई में 227 चुनावी वार्ड सीमाओं की घोषणा की है.
File Pic/iStock
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने शुक्रवार को मुंबई में 227 चुनावी वार्ड सीमाओं की सूची और उन निर्दिष्ट कार्यालयों का विवरण जारी किया जहाँ नागरिक आगामी बीएमसी चुनाव 2025 के लिए वार्ड गठन के मसौदे पर अपनी आपत्तियाँ और सुझाव प्रस्तुत कर सकते हैं.
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चुनाव प्रक्रिया के एक भाग के रूप में, मुंबई नगर निकाय ने नई वार्ड सीमाओं के मसौदे पर जनता से प्रतिक्रिया आमंत्रित की है.
एक अधिसूचना में कहा गया है, "निवासी अपनी लिखित आपत्तियाँ या सुझाव निर्दिष्ट बीएमसी वार्ड कार्यालयों और मुंबई स्थित चुनाव कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं."
इसमें कहा गया है कि कोई भी आपत्ति और सुझाव 4 सितंबर (दोपहर 3 बजे तक) तक स्वीकार किए जाएँगे.
यह प्रक्रिया इस वर्ष होने वाले बीएमसी चुनावों की तैयारी का एक हिस्सा है. सुझाव और आपत्तियाँ प्राप्त होने के बाद, सुनवाई होगी और राज्य सरकार तथा राज्य चुनाव आयोग द्वारा अंतिम वार्ड संरचना की घोषणा की जाएगी.
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य चुनाव आयोग की मंज़ूरी से बीएमसी आयुक्त को मसौदा अधिसूचना प्रकाशित करने के लिए अधिकृत किया है.
निर्वाचन वार्डों की संख्या 227 निर्धारित की गई है, और आगामी चुनावों में इतने ही पार्षद चुने जाएँगे.
महाराष्ट्र में 2019 से 2022 तक सत्ता में रही महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान वार्डों की संख्या 227 से बढ़ाकर 236 कर दी थी. बाद में इसे अदालत में चुनौती दी गई.
6 मई को, सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को स्थानीय निकायों के सभी चुनावों के बारे में चार सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया था - जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण के कार्यान्वयन से संबंधित मुकदमेबाजी के कारण 2022 से रुके हुए थे.
मुंबई नगर निगम के पार्षदों, बीएमसी में निर्वाचित प्रतिनिधियों का पाँच साल का कार्यकाल 7 मार्च, 2022 को समाप्त हो गया था. तब से, नगर निकाय की देखरेख राज्य द्वारा नियुक्त प्रशासक द्वारा की जा रही है.
2022 में, एमवीए सरकार के एक निर्णय के अनुसार, वार्डों की संख्या में नौ की वृद्धि की गई थी. भाजपा ने इस निर्णय पर आपत्ति जताते हुए दावा किया था कि वार्डों की संख्या जनगणना के बाद ही बढ़ाई या घटाई जानी चाहिए.
पिछले निकाय चुनाव, 2017 में, अविभाजित शिवसेना ने एशिया के सबसे धनी नगर निगमों में से एक पर अपना कब्ज़ा बरकरार रखा था और 84 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा और कांग्रेस को क्रमशः 82 और 31 सीटें मिली थीं.
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