Updated on: 19 September, 2024 10:05 AM IST | Mumbai
Shirish Vaktania
रिकवरी के आधार पर उसे हरकत में आने में समय लगेगा. उसे पूरी तरह से ठीक होने में कम से कम एक साल लगेगा.
वे प्रक्रिया के लिए सहमत हो गए और प्रक्रिया शुरू करने के लिए सूरत स्थित डोनेट लाइफ संगठन के संस्थापक नीलेश मंडलेवाला से संपर्क किया.
दो साल पहले अपना दाहिना हाथ खो चुकी गोरेगांव की 15 वर्षीय लड़की को अनंत चतुर्दशी पर अप्रत्याशित आशीर्वाद मिला, जिसका श्रेय वलसाड की नौ वर्षीय लड़की के परिवार को जाता है, जिसने ब्रेनडेड घोषित होने के बाद उसके अंग दान करने का फैसला किया. दानकर्ता, चौथी कक्षा की छात्रा रिया बॉबी मिस्त्री 13 सितंबर की शाम को खेलते समय बेहोश हो गई.
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इसके बाद उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसकी हालत बिगड़ने पर उसे सूरत स्थित किरण अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. 15 सितंबर को उसे ब्रेनडेड घोषित कर दिया गया. रिया की मां डॉ. उषा मिस्त्री ने उसके जैविक माता-पिता तृष्णा और बॉबी मिस्त्री से कहा कि भले ही बच्ची की जान चली गई हो, लेकिन मरने के बाद वह दूसरों की जान बचा सकती है. परिवार ने सूरत, अहमदाबाद, मुंबई और हैदराबाद के अस्पतालों में अंग दान करने का फैसला किया.
वे प्रक्रिया के लिए सहमत हो गए और प्रक्रिया शुरू करने के लिए सूरत स्थित डोनेट लाइफ संगठन के संस्थापक नीलेश मंडलेवाला से संपर्क किया. तब पता चला कि गोरेगांव की किशोरी को दाहिने हाथ की जरूरत थी और सूरत और मुंबई पुलिस के संयुक्त प्रयासों से मंगलवार, 17 सितंबर को चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए 90 मिनट में अंग को परेल के ग्लेनेगल्स अस्पताल पहुंचाया गया, जिन्होंने मेडिकल टीम के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया.
इस सर्जरी को करने वाले प्लास्टिक सर्जन डॉ. नीलेश सतभाई ने मिड-डे को बताया, "सर्जरी सफल रही. बिजली के झटके के कारण अपना अंग खो चुकी मरीज अब वेंटिलेटर सपोर्ट पर नहीं है. उसके हाथ में रक्त संचार ठीक है. रिकवरी के आधार पर उसे हरकत में आने में समय लगेगा. उसे पूरी तरह से ठीक होने में कम से कम एक साल लगेगा."
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