Updated on: 01 April, 2025 11:32 AM IST | mumbai
Diwakar Sharma
सीसीटीवी फुटेज में अफरा-तफरी का माहौल देखा जा सकता है, जिसमें टैंकर के बैरियर को तोड़ते हुए लोग सुरक्षित बचने के लिए भागते हुए दिखाई दे रहे हैं.
आशीष कुमार यादव, मृतक ट्रक चालक
30 वर्षीय चालक आशीष कुमार यादव की एक अजीब दुर्घटना में मौत हो गई, जब वह कच्चे तेल से भरा टैंकर चला रहा था और रविवार को मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग पर मनोर ब्रिज (मनोर बोरीवली से 60 किमी उत्तर में है) से नीचे गिर गया. तेल टैंकर 25 फुट ऊंचे पुल से नीचे गिर गया और टकराने पर टूट गया. टक्कर के बल से काफी संरचनात्मक क्षति हुई, जिससे ईंधन का बड़ा रिसाव हुआ.
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यादव अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे, उनकी शादी पिछले नवंबर में ही हुई थी, उनके चाचा विश्व विजय यदुवंशी ने कहा. “वह हमारे घर का एक जिम्मेदार सदस्य था. वह आखिरी बार नवंबर में अपनी शादी के लिए आया था. उसके परिवार में उसके माता-पिता, दो बहनें और एक छोटा भाई है,” उन्होंने कहा.
उनके चचेरे भाई दिलीप यादव, जो एक ड्राइवर भी हैं, दुर्घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंचे. “आशीष और मैं न्हावा शेवा से सिलवासा के लिए साथ-साथ निकले थे. वह थोड़ा आगे था. जब मैं दुर्घटनास्थल पर पहुँचा, तो मैंने अपनी गति धीमी कर ली और चौंक गया. उसका मोबाइल फोन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन एम्बुलेंस चालक ने सिम कार्ड निकालकर दूसरे हैंडसेट में लगा दिया. चूँकि मैं आशीष को फ़ोन करने की बहुत कोशिश कर रहा था, इसलिए ड्राइवर ने फ़ोन उठाया और मुझे अस्पताल आने को कहा- जहाँ मुझे पता चला कि वह अब नहीं रहा. अब, मैं उसका पार्थिव शरीर अपने गृहनगर प्रतापगढ़ ले जा रहा हूँ,” मिड-डे से बात करते हुए दिलीप ने रोते हुए कहा.
पूरी तरह से भरा हुआ तेल टैंकर पुल की सुरक्षा दीवार को तोड़कर नीचे गिर गया. सीसीटीवी फुटेज में अफरा-तफरी का माहौल देखा जा सकता है, जिसमें टैंकर के बैरियर को तोड़ते हुए लोग सुरक्षित बचने के लिए भागते हुए दिखाई दे रहे हैं.
‘हमने टैंकर को गिरते हुए देखा’
स्थानीय सब्ज़ी विक्रेता रवि पाडेकर ने कहा, “जब यह हुआ, तब मैं वहाँ था. हर कोई अपने काम में व्यस्त था, तभी हमने अचानक एक जोरदार टक्कर सुनी. इससे पहले कि हम कुछ समझ पाते, हमने टैंकर को पुल से गिरते हुए देखा.” "पहले जोरदार धमाके के साथ पीछे का हिस्सा ज़मीन से टकराया और फिर ड्राइवर की तरफ़ पलट गया, जिससे वह अंदर फंस गया."
पाडेकर ने कहा, "टैंकर का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे बड़े पैमाने पर ईंधन फैल गया, जिसने फिर आग पकड़ ली. हम पानी की बाल्टियों से आग बुझाने के लिए दौड़े, लेकिन कच्चा तेल तेज़ी से फैल रहा था. हमने आखिरकार पास के एक होटल से एक पाइप जोड़ा और आग बुझाने में कामयाब रहे. जब तक पुलिस, दमकल गाड़ियाँ और एम्बुलेंस पहुँचीं, तब तक ड्राइवर की मौत हो चुकी थी."
शुक्र है कि कोई राहगीर घायल नहीं हुआ, लेकिन तेल रिसाव की वजह से सड़क पर दूसरे वाहन भी फंस गए. स्थिति तब और खराब हो गई जब फैले ईंधन से चिंगारी निकलने के कारण टैंकर में आग लग गई. एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, "शुक्र है कि एक गुज़रते हुए पानी के टैंकर ने आग बुझाने में मदद की." ‘सुरक्षा दीवारों की ऊंचाई समायोजित करें’
ऑल इंडिया वाहन चालक मालक महासंघ के प्रवक्ता हरबंस सिंह नानाडे ने मिड-डे को बताया कि मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर चल रहे व्हाइट-टॉपिंग कार्य के कारण साइड प्रोटेक्शन दीवारों की ऊंचाई को नई लेन की ऊंचाई से मेल खाने के लिए समायोजित करने की आवश्यकता है.
नानाडे ने बताया, “पुल दाईं ओर मुड़ता है और यादव, जो दाईं लेन में गाड़ी चला रहा था, स्टील रेलिंग से टकराने से पहले किसी तरह बाईं ओर मुड़ गया. टैंकर 25 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरा और पीछे की ओर जमीन से टकराया, जिससे विस्फोट हुआ और भारी रिसाव हुआ.”
उन्होंने चेतावनी दी कि चल रहे व्हाइट-टॉपिंग कार्य ने फ्लाईओवर पर लेन की ऊंचाई बढ़ा दी है, जिससे मौजूदा सुरक्षा दीवारें कम प्रभावी हो गई हैं. उन्होंने कहा, “यदि दीवारों को तदनुसार समायोजित नहीं किया जाता है, तो वे भारी वाहनों को पलटने से नहीं रोक पाएंगे, जिससे घातक दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाएगा.”
इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के प्रबंधक सुमित कुमार ने मिड-डे को बताया, "हमने दिल्ली में एनएचएआई मुख्यालय को पत्र लिखा है, और स्टील रेलिंग की ऊंचाई 200 मिमी से बढ़ाकर 300 मिमी करने के लिए एक निविदा जारी की जाएगी." कुमार ने कहा कि एनएच-48 की कंक्रीटिंग का 96 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.
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