होम > मुंबई > मुंबई न्यूज़ > आर्टिकल > छठ पूजा में सूर्य देव को देते हैं अर्घ, जानिए 4 दिनों का कैसा होता है उत्सव

छठ पूजा में सूर्य देव को देते हैं अर्घ, जानिए 4 दिनों का कैसा होता है उत्सव

Updated on: 18 November, 2023 08:30 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

छठ पूजा चार दिन का उत्सव है. इसमें पहला दिन नहाय खाए, दूसरा दिन खरना, तीसरा दिन संध्या अर्घ्य, चौथा दिन उषा अर्घ्य (सुबह दी जाने वाली अर्घ्य) का रहता है.

कुर्ला, मुंबई में छठ पूजा 2022. तस्वीर/अतुल कांबले

कुर्ला, मुंबई में छठ पूजा 2022. तस्वीर/अतुल कांबले

छठ पूजा चार दिन का उत्सव है. इसमें पहला दिन नहाय खाए, दूसरा दिन खरना, तीसरा दिन संध्या अर्घ्य, चौथा दिन उषा अर्घ्य (सुबह दी जाने वाली अर्घ्य) का रहता है. इस साल 17 नवंबर से छठ पूजा की शुरुआत हुई है. साथ ही 19 और 20 नवंबर को अर्घ दिया जाएगा.

छठ पूजा में अर्घ्य का महत्व


सूर्य देव को अर्घ्य देकर उनकी उपासना करने का भी विशेष महत्व है. सूर्य देव को हम प्रत्यक्ष रूप से देख सकते हैं. पुराणों के अनुसार सूर्य देव को ऊर्जा, तेज और आत्मविश्वास का प्रतीक माना जाता है. उन्हें अर्घ्य देने से ये सभी शक्तियां भी हमें प्राप्त होती हैं. 


पहले दिन नहाय-खाय

छठ पूजा के पहले लौकी, चावल और चने की दाल बनाकर खाया जाता है. इस व्रत को साफ-सफाई के बाद ही शुरू किया.


दूसरे दिन छठ पूजा (खरना का महत्व)

व्रत के दूसरे दिन को खरना कहते हैं, इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत करती हैं. शाम को गुड़ चावल की खीर बनाकर व्रत खोला जाता है. इस खीर के प्रसाद को आस पड़ोस में भी बांटा जाता है. इस दिन आस पड़ोस की महिलाओं को बुलाकर सिंदूर से उनकी मांग भी भरी जाती है.

तीसरे दिन संध्या अर्घ्य

छठ पूजा के तीसरे दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं. शाम को किसी नदी, नहर, तालाब या किसी अन्य जगह पानी में पैर रखकर सूर्य देवता को जल और दूध से अर्घ्य दिया जाता है. सूप और बांस की टोकरी में रखी सामग्री के साथ ही छठी मइया को अर्घ्य दिया जाता है.

चौथे दिन ऊषा अर्घ्य

अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में सूर्य देवता को पुनः अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत का समापन किया जाता है. महिलाएं अपने घर में सुख,शांति,समृद्धि और संतान रक्षा की कामना करती हैं. 

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK