Updated on: 23 June, 2025 04:03 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
बैठक मालाबार हिल स्थित आधिकारिक आवास वर्षा में रात 9 बजे निर्धारित है.
फाइल फोटो
मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के पाठ्यक्रम में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर चल रहे विवाद के बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार के साथ राज्य में तीन-भाषा फॉर्मूले की समीक्षा के लिए आज एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार बैठक मालाबार हिल स्थित आधिकारिक आवास वर्षा में रात 9 बजे निर्धारित है.
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रिपोर्ट के मुताबिक यह बैठक कक्षा 1 से हिंदी को अनिवार्य बनाने के सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया के मद्देनजर हो रही है. विपक्षी दलों ने इस कदम की आलोचना की है और इसे हिंदी थोपना बताया है जो मराठी भाषा और संस्कृति को कमजोर करता है. पिछले हफ्ते, सरकार ने एक संशोधित सरकारी संकल्प (जीआर) जारी किया जिसमें "अनिवार्य" शब्द को हटा दिया गया था, लेकिन निर्दिष्ट किया गया था कि कक्षा 1 से 5 तक मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा. हालांकि, जीआर में यह भी कहा गया है कि छात्र हिंदी के बजाय अन्य भारतीय भाषाओं का विकल्प चुन सकते हैं, बशर्ते एक कक्षा में कम से कम 20 छात्र इसका अनुरोध करें.
प्रस्ताव में दोहराया गया है कि मराठी सभी छात्रों के लिए अनिवार्य रहेगी. गैर-मराठी और गैर-अंग्रेजी माध्यम वाले स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के पाठ्यक्रम में शिक्षा का माध्यम मराठी और अंग्रेजी शामिल होंगे. कक्षा 6 से 10 तक, नीति मौजूदा राज्य पाठ्यक्रम ढांचे के अनुरूप होगी. रिपोर्ट के अनुसार विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार की आलोचना की है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा, "कोई भी हिंदी से नफरत नहीं करता है, लेकिन इसे थोपा नहीं जाना चाहिए." रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने नई नीति की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि गुजरात ने भी स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य नहीं किया है.
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