Updated on: 06 January, 2024 01:51 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
आंगनवाड़ी सेविका 10,000 रुपये से बढ़ाकर 26,000 रुपये और सहायिकाओं के लिए 5,500 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये वेतन की मांग कर रहे हैं.
आंगनवाड़ी सेविका अपने गांवों और कस्बों को लौट रही हैं क्योंकि उन्हें सरकार से केवल मौखिक आश्वासन ही मिला है.
Anganwadi Strike: आजाद मैदान में दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन के बाद, महाराष्ट्र के दूर-दराज के गांवों और कस्बों से मुंबई की यात्रा करने वाली हजारों आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका अब राज्य के मंत्रियों से सिर्फ मौखिक आश्वासन लेकर वापस लौट रही हैं. साथ ही, मजदूरों को काम पर नहीं लौटने पर नौकरी खोने की धमकियां भी मिल रही हैं. दिसंबर की शुरुआत से दो लाख आंगनवाड़ी सेविका हड़ताल पर थी. जिस कारण राज्य भर में आंगनवाड़ियां बंद हैं, जिससे उन पर निर्भर लाखों बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण पर असर पड़ रहा है. भले ही उनका आजाद मैदान विरोध प्रदर्शन फिलहाल समाप्त हो गया है, लेकिन सरकार की ओर से लिखित आश्वासन मिलने तक राज्य भर में हड़ताल अनिश्चित काल तक जारी रहेगा.
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आंगनवाड़ी सेविका 10,000 रुपये से बढ़ाकर 26,000 रुपये और सहायिकाओं के लिए 5,500 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये वेतन की मांग कर रहे हैं. आंगनवाड़ी सेविका पूजा पाटिल ने बात करते हुए कहा- `हममें से कई लोगों ने मुंबई में दो दिनों में लगभग 2,500 रुपये खर्च किए, इसमें हमारे यात्रा व्यय शामिल हैं और अब तक कुछ भी नहीं होने पर घर वापस जाना पड़ रहा है, लेकिन हमें उम्मीद है कि यह विरोध निकट भविष्य में रंग लाएगा। जब तक हम ऐसी हड़तालें और विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे, सरकार हमें वह नहीं देगी जो हम चाहते हैं.`
सीटू से संबद्ध आंगनवाड़ी कर्मचारी संगठन की अध्यक्ष और महाराष्ट्र आंगनवाड़ी कृति समिति की संयोजक शुभा शमीम ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ बातचीत हुई, जहां यूनियनों को किसी भी तरह की अनुमति नहीं दी गई. मानदेय में वृद्धि क्योंकि इससे पहले 2023 में 1,000 रुपये की वृद्धि हुई थी.
हालांकि, ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन ने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उन्हें बताया कि इस मुद्दे पर अगली कैबिनेट बैठक में चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा- `उसका हमारे विभाग से कोई लेना-देना नहीं है. ऐसा माना जाता है कि ऐसे विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार द्वारा लिखित आश्वासन दिया जाता है. शर्तों पर अधिकारियों और प्रदर्शनकारियों द्वारा सहमति होनी चाहिए.`
साल 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों पर निर्भर है कि वे ग्रेच्युटी का भुगतान करें और आंगनवाड़ी सेविकाओं को कर्मचारी होने की सही मान्यता प्रदान करें. शमीम ने कहा `यह कानूनी रूप से बाध्यकारी है, इसलिए यह किसी बिंदु पर होगा, लेकिन हम नहीं जानते कि कब; अभी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए सम्मानजनक वेतन की आवश्यकता है.`
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