Updated on: 06 March, 2024 11:21 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
62 वर्षीय दिव्यांग अतुल वोरा, जो 55 वर्षों से सड़क किनारे अतिक्रमण के खिलाफ लड़ रहे हैं. इन पर दो महिला फेरियास ने हमला किया था.
फेरियास कल मथुरादास रोड, कांदिवली (पश्चिम) लौट आए
शनिवार सुबह करीब 11 बजे नगर निगम के अतिक्रमण विभाग ने मथुरादास रोड पर ठेले-खोमचे वालों को हटाना शुरू किया तो भगदड़ मच गई. इस दौरान सभी ठेेलवाले सड़क किनारे छिपने लगे. उस समय, 62 वर्षीय दिव्यांग अतुल वोरा, जो 55 वर्षों से सड़क किनारे अतिक्रमण के खिलाफ लड़ रहे हैं. इन पर दो महिला फेरियास ने हमला किया था. इस घटना के बाद फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने संयुक्त पुलिस आयुक्त से शिकायत की. साथ ही ठेले-खोमचे वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की. इस बारे में जानकारी देते हुए जोन-11 के डिप्टी पुलिस कमिश्नर आनंद भोइटे ने `मिड-डे` को बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच के बाद सोमवार रात हमलावरों की पहचान कर ली. इनमें अतुल वोरा का हाथ पकड़कर खींचने वाली दो महिलाओं का पता लग गया है.` आनंद भोइटे ने जानकारी देते हुए कहा, `अतुल वोरा पर हमला करने वाली महिलाओं में से एक कांदिवली के साईनगर निवासी 50 वर्षीय पुष्पा सुरेश राठौड़ और दूसरी प्लास्टिक प्लेट बेचने का कारोबार करने वाली 45 वर्षीय सुनीता विनोद प्रजापति शामिल हैं. सीसीटीवी कैमरे में गन्ने का रस बेचने वाला रफीक हाशमी, जो घटना के समय `मारो मारो` चिल्ला रहा था. इन तीनों आरोपियों के खिलाफ जल्द कार्यवाही की जाएगी. साथ ही एक-दो दिन में कांदिवली के सहायक पुलिस आयुक्त के सामने पेश किया जाएगा.`
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अतुल वोरा पर हमले के बाद फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने पुलिस से शिकायत करते हुए कहा था कि `हॉकर्स से लड़ने वाले हमारे कोर कमेटी के सदस्यों पर अक्सर पुलिस-शिकायत और गैर-संज्ञेय अपराध दर्ज किए जाते हैं, जबकि हॉकर्स को जल्द ही रिहा कर दिया जाता है.` हमले के जवाब में डीसीपी आनंद भोइटे ने कहा कि अतुल वोरा पर हमले के बाद कांदिवली पुलिस और नगर निगम सुबह से शाम तक मथुरादास रोड और आसपास के इलाकों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रहे हैं.`
हालांकि, मथुरादास रोड की रहने वाली एक महिला ने `मिड-डे` को बताया कि `पिछले कुछ दिनों से हमारे इलाके में पुलिस और नगर पालिका पूरे एक्शन में है.` यदि ठेले-खोमचे वाले किसी सोसायटी या इमारत में छिप जाती हैं तो वे उन्हें उनके सामान सहित हटा देते हैं. हालांकि, यह कार्रवाई केवल सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक है, इसलिए फेरीवाले सुबह 11 बजे से पहले और शाम 6 बजे के बाद मथुरादास रोड और आसपास की गलियों में वापस आ जाते हैं और सड़कों और फुटपाथों पर कब्जा कर लेते हैं.`
ठाणे में सड़क किनारे अतिक्रमण हटाने की हड़बड़ी में बुजुर्ग की मौत
शनिवार को ठाणे के लोकमान्यनगर के पाड़ा-नंबर तीन में उस वक्त भगदड़ मच गई, जब ठाणे नगर निगम (टीएमसी) के कर्मचारी अपने वाहन लेकर फेरीवालों के खिलाफ कार्रवाई करने निकले. किसी के धक्का देने से गिरे 65 वर्षीय मनोहर महाडिक की रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई. लोकमान्यनगर में अपनी पत्नी के साथ रहने वाले मनोहर महाडिक रिक्शा चलाते थे. हालाँकि, कुछ समय के लिए उन्होंने वह काम छोड़ दिया था. उनकी पत्नी घर पर लोगों के कपड़े सिलकर अपना गुजारा करती थीं. शनिवार को जब मनोहर महादिक रोजाना की तरह सब्जी खरीदने बाजार गए तो टीएमसी ने विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की. उन्होंने अपना सामान उठाया और टीएमसी वैन में लोड करना शुरू कर दिया, जबकि फेरीवाले अपना सामान बचाने की कोशिश कर रहे थे. उस समय हुए हंगामे के कारण मनोहर महाडिक सड़क पर गिर गये और उनके सिर पर गंभीर चोट आयी.
इस घटना के बाद उन्हें तुरंत इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन रविवार को उनकी मौत हो गई. करी ठेले वाले दुकानदारों और राहगीरों में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. कई बार वे कानून अपने हाथ में ले लेते हैं और निर्दोष नागरिकों की हत्या कर देते हैं. इस तरह के अतिक्रमण दशकों से होते आ रहे हैं. अब समय आ गया है कि शहर में कानून-व्यवस्था कायम की जाए और उन सभी थाना-क्षेत्रों और व्यस्त बाजार-क्षेत्रों से अवैध फेरीवालों को पूरी तरह से हटाया जाए, जहां दिन के दौरान अवैध फेरीवाले होते हैं.`
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