Updated on: 11 October, 2024 05:40 PM IST | Mumbai
पिछले 20 दिनों में शहर में स्कूली बच्चों के साथ हुए सड़क हादसों में चार बच्चों की मौत हो गई, जबकि एक नर्सरी छात्र घायल हुआ. सभी दुर्घटनाएं बसों और डंपरों की चपेट में आने से हुईं. (STORY BY: Shirish Vaktania , Samiullah Khan)
Vicky Kanojia, 12, Sept 20; Vinmayi More, 13, Oct 1; Mohammad Arbaz Shaikh, 12, Oct 7 and Hamid Sheikh, 9, Oct 8
हाल ही में शहर में स्कूली बच्चों के साथ सड़क हादसों में चिंताजनक वृद्धि हुई है, जिसमें 20 दिनों के भीतर 9 से 12 वर्ष की उम्र के चार बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक नर्सरी स्कूल के छात्र घायल हो गए. सभी दुर्घटनाओं में बच्चे बसों और डंपरों की चपेट में आ गए. इन मामलों में सभी ड्राइवरों के खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज किया गया है. अभिभावकों ने पुलिस से स्कूल परिसर के आसपास भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, खासकर स्कूल के समय के दौरान.
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ट्रैफिक पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त एम. रामकुमार ने कहा, "हम समय-समय पर भारी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. दक्षिण मुंबई में सुबह 7 बजे से 10 बजे तक और शहर के अन्य हिस्सों में सुबह 7 बजे से 11 बजे और शाम 4 बजे से 11 बजे तक इन वाहनों की अनुमति नहीं है."
पुलिस के अनुसार, भारी वाहनों का एक और बड़ा मुद्दा उनकी बाईं ओर का ब्लाइंड स्पॉट है, जहां ज्यादातर दुर्घटनाएं होती हैं. रामकुमार ने बताया, "जब ये वाहन बाएं मुड़ते हैं या रिवर्स लेते हैं, तो ड्राइवर की दृश्यता सीमित हो जाती है, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं. हमने इस बारे में स्कूल के छात्रों के बीच जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया है और उनके लिए कक्षाएं भी आयोजित की हैं. उन्हें `रोड सेफ्टी पेट्रोल` (RSP) का हिस्सा बनाया जाता है और कोर्स पूरा होने पर प्रमाण पत्र भी दिया जाता है. यह शिक्षा पैदल यात्रियों और छोटे वाहनों के लिए जीवनरक्षक साबित होती है, जब वे बसों, डंपरों और ट्रकों के करीब चलते हैं."
बोरीवली (20 सितंबर)
12 वर्षीय छात्र विक्की सत्येंद्र कनोजिया की 20 सितंबर को बोरीवली ईस्ट के कार्टर रोड पर एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. कनोजिया स्कूल जा रहे थे और सड़क पर खड़ी एक टेम्पो के पास से गुजर रहे थे. तभी एक डंपर ने उन्हें कुचल दिया, क्योंकि वहां से भागने का कोई रास्ता नहीं था. उनके पिता सत्येंद्र कनोजिया ने कहा, "स्कूल के समय में सड़क खाली होनी चाहिए और सड़क पर वाहन पार्क नहीं होने चाहिए. मेरे बेटे की मौत इसलिए हुई क्योंकि टेम्पो सड़क पर खड़ा था और चलने की कोई जगह नहीं बची थी."
गोरेगांव (1 अक्टूबर)
1 अक्टूबर को गोरेगांव ईस्ट में स्कूल जाते समय 13 वर्षीय लड़की विन्मयी मोरे की एक डंपर की चपेट में आकर मौत हो गई. वह अपने पिता रमेश मोरे के साथ दोपहिया वाहन पर सवार थी, जब डंपर ने उन्हें टक्कर मारी और विन्मयी को अपने पिछले पहिये के नीचे कुचल दिया. रमेश ने बताया, "यह एक भयानक अनुभव था, जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता."
कांदिवली (8 अक्टूबर)
कांदिवली ईस्ट में मंगलवार को ढाई साल के बच्चे अर्क शिटोले को स्कूल बस ने पीछे से टक्कर मार दी, जिससे वह और उसके दादा-दादी घायल हो गए. बच्चे के दादा ने मांग की कि स्कूल क्षेत्रों के आसपास चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं ताकि लोग अपनी गति को धीमा कर सकें.
गोवंडी (8 अक्टूबर)
गोवंडी के शिवाजी नगर में मंगलवार को 9 वर्षीय हमीद शेख की बीएमसी डंपर की चपेट में आने से मौत हो गई. उसकी मां ने बताया, "मेरा बेटा सड़क पार कर सार्वजनिक शौचालय जा रहा था, तभी डंपर ने उसे टक्कर मार दी."
बांद्रा (7 अक्टूबर)
12 वर्षीय छात्र मोहम्मद अरबाज शकील शेख की 7 अक्टूबर को बांद्रा ईस्ट में स्कूल से लौटते समय एक बेस्ट बस की चपेट में आकर मौत हो गई.
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