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अंतरिक्ष से गहरे समुद्र दोनों में अपनी क्षमताएं बढ़ा रहा है भारत

Updated on: 16 January, 2025 06:23 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

उन्होंने तीन "मेड इन इंडिया" फ्रंटलाइन नौसैनिक जहाजों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया.

मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में प्रधानमंत्री मोदी. (तस्वीर/पीटीआई)

मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में प्रधानमंत्री मोदी. (तस्वीर/पीटीआई)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत अंतरिक्ष के साथ-साथ गहरे समुद्र में भी अपनी क्षमताओं को बढ़ा रहा है, क्योंकि दोनों ही क्षेत्र भविष्य में महत्वपूर्ण हैं. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने तीन "मेड इन इंडिया" फ्रंटलाइन नौसैनिक जहाजों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया.

रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में दूर-दराज के द्वीपों के विकास और समुद्री शक्ति को बढ़ाने पर सरकार के फोकस पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "हमने अपने दूर-दराज के द्वीपों पर भी ध्यान केंद्रित किया है. उन द्वीपों की नियमित निगरानी भी की जा रही है, जहां कोई नहीं रहता है. इतना ही नहीं, द्वीपों की एक नई पहचान भी बनाई जा रही है. उन्हें नए नाम दिए जा रहे हैं...हम सभी जानते हैं कि अनंत अंतरिक्ष और गहरे समुद्र दोनों ही भविष्य में कितने महत्वपूर्ण हैं. इसलिए, आज भारत अंतरिक्ष और गहरे समुद्र दोनों में अपनी क्षमताओं को बढ़ा रहा है".


पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आगामी समुद्रयान परियोजना वैज्ञानिकों को समुद्र में 6,000 मीटर की गहराई तक ले जाएगी, जो कि केवल कुछ देशों द्वारा हासिल की गई उपलब्धि है. रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमारा समुद्रयान प्रोजेक्ट वैज्ञानिकों को समुद्र में 6000 मीटर की गहराई तक ले जाएगा, जहां अभी तक कुछ ही देश पहुंच पाए हैं. हमारी सरकार भविष्य की किसी भी संभावना पर काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. यह बहुत जरूरी है कि हम गुलामी के प्रतीकों से छुटकारा पाएं और हमारी नौसेना ने इसमें भी नेतृत्व दिखाया है. नौसेना ने अपने झंडे को छत्रपति शिवाजी महाराज की गौरवशाली परंपरा से जोड़ा है." 


तीन प्रमुख नौसैनिक लड़ाकू जहाजों का कमीशन भारत के रक्षा विनिर्माण और समुद्री सुरक्षा में वैश्विक नेता बनने के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है. रिपोर्ट के मुताबिक 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री के साथ, आईएनएस सूरत अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से सुसज्जित है. भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किए गए आईएनएस नीलगिरि में उन्नत उत्तरजीविता, समुद्री यात्रा और चुपके के लिए उन्नत विशेषताएं शामिल हैं, जो स्वदेशी फ्रिगेट की अगली पीढ़ी को दर्शाती हैं. आईएनएस वाघशीर पनडुब्बी निर्माण में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करता है और इसका निर्माण फ्रांस की नौसेना समूह के सहयोग से किया गया है.


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