Updated on: 23 January, 2024 04:59 PM IST | mumbai
Dipti Singh
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की पुणे पीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की. ठाणे नगर निगम (टीएमसी) को इक्ट्ठा हुए कचरे को तुरंत प्रबंधित करने का निर्देश दिया. मिड डे की खबर के बाद इस पर असर देखने को मिला है.
पिछले नौ महीनों से टीएमसी कर रहा है चौड़ा गाव में डंपिंग ग्राउंड का उपयोग. फ़ाइल तस्वीर/सतेज शिंदे
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की पुणे पीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की. ठाणे नगर निगम (टीएमसी) को इक्ट्ठा हुए कचरे को तुरंत प्रबंधित करने का निर्देश दिया. मिड डे की खबर के बाद इस पर असर देखने को मिला है.
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चौड़ा गांव क्षेत्र में एक पहाड़ी पर स्थित अस्थायी डंपिंग ग्राउंड का उपयोग टीएमसी द्वारा नौ महीनों के लिए किया गया है, जिसके कारण 1 लाख मीट्रिक टन (एमटी) की मात्रा में पुराना कचरा जमा हो गया है. ठाणे के चौदह गांवों के निवासियों ने अस्थायी डंपिंग ग्राउंड की स्थापना का विरोध किया है.
10 जनवरी, 2024 को जारी एक आदेश में एनजीटी ने आदेश दिया कि टीएमसी को मौजूदा कचरे को साफ करना होगा. अगले चार महीनों में रिपोर्ट पेश करनी होगी. इस निर्देश के हिस्से के रूप में एनजीटी ने निर्धारित किया है कि आदेश की तारीख से दो सप्ताह के भीतर 5 लाख रुपये की बैंक गारंटी महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के पास जमा की जानी है. यदि टीएमसी निर्धारित समय सीमा के भीतर निर्दिष्ट कार्यों को पूरा करने में विफल रहती है, तो जमा की गई राशि जब्त कर ली जाएगी.
14 गांव-भंडारली, नारीवली, बाले, दहिसर, दहिसर मोरी, मोकाशीपाड़ा, उत्तरशिव, गोटेघर, वाकलान, बामनलिव, निघू, नेवली, पिंपरी और नागव- अभी भी ग्राम पंचायत प्रशासन के अधीन हैं, जबकि उनके आसपास के क्षेत्र नगर निगमों द्वारा शासित होते हैं.
एनजीटी के आदेश में लिखा, “15 अक्टूबर, 2023 को `मिड-डे` अखबार में प्रकाशित एक समाचार पर 23 नवंबर, 2023 के आदेश के तहत इस ट्रिब्यूनल की प्रधान पीठ द्वारा की गई कार्रवाई के अनुसार आवेदन पंजीकृत किया गया था, जिसमें यह था बताया गया है कि ठाणे जिले के चौदह गांवों के निवासी चौड़ा गाव क्षेत्र में पहाड़ियों पर स्थित ठाणे नगर निगम (टीएमसी) द्वारा स्थापित डंपिंग ग्राउंड के खिलाफ लड़ रहे हैं. यहां कचरा डंप करने से गंदा पानी नीचे जा रहा है और स्थानीय निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.”
फरवरी 2023 में, टीएमसी (प्रतिवादी संख्या 2) ने घोषणा की कि वह अपने नगरपालिका कचरे को पहाड़ी पर जमीन के एक टुकड़े पर डंप करेगी, जिसका स्थानीय निवासियों ने तुरंत विरोध किया. हालांकि, उस समय कहा गया था कि यह एक साल के लिए अस्थायी व्यवस्था थी.
दाईघर में एक नई डंपिंग साइट चुनी गई है, जहां कचरा-टू-एनर्जी प्लांट चालू है. वकील ने विरासती कचरे को साफ करने के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का भी खुलासा किया. हालांकि, निकासी के लिए न तो मात्रा और न ही कोई विशिष्ट समयरेखा प्रदान की गई थी.
2 जनवरी, 2024 को एनजीटी के समक्ष प्रस्तुत जवाबी हलफनामे में, टीएमसी ने उल्लेख किया कि ठाणे शहर प्रतिदिन 900-1,000 मीट्रिक टन कचरा होता है. दिवा में मौजूदा डंपिंग ग्राउंड अपनी अधिकतम क्षमता तक पहुंच गया था, जिससे टीएमसी को भंडारली में निजी भूमि पर कचरे को रिसाइकिल करना होगा हालांकि भंडारली के लिए एक पोस्ट-क्लोजर योजना एमपीसीबी को प्रस्तुत की जानी चाहिए. मुंब्रा में निकटतम सीवेज उपचार संयंत्र में लीचेट एकत्र करने और उसका उपचार करने के लिए भंडारली में एक लीचेट कुएं का निर्माण किया गया है. दाइघर में नई नामित साइट ने परिचालन शुरू कर दिया है, टीएमसी को एमपीसीबी से संचालन के लिए प्राधिकरण और सहमति प्राप्त हुई है.
आदेश में आगे उल्लेख किया गया है: “भंडारली साइट का विरासती कचरा लगभग 1 लाख मीट्रिक टन है, जिसे 2 से 3 महीने के भीतर साफ किए जाने की संभावना है और निविदा प्रक्रिया 15 फरवरी, 2024 तक पूरी हो जाएगी. इसके साक्ष्य भी आ गए हैं.” रिकॉर्ड्स के मुताबिक 31 जनवरी, 2023 को भंडारली में ऑपरेशन शुरू किया गया था, जिसे 25 अक्टूबर, 2023 को रोक दिया गया था.”
मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (एमएमआर) में पिछले कुछ समय से कचरा डंपिंग एक बदबूदार विवाद का हिस्सा रहा है, एनजीओ नैटकनेक्ट फाउंडेशन ने इसका स्थायी समाधान खोजने का आह्वान किया है. नैटकनेक्ट के संस्थापक और निदेशक बी एन कुमार ने कहा, “शहरी क्षेत्र तेजी से बढ़ रहे हैं और ठोस अपशिष्ट संकट बढ़ रहा है. एनजीटी के आदेश को हमारे शहरी योजनाकारों-विशेष रूप से शहरी विकास विभाग के लिए एक सख्त अनुस्मारक के रूप में देखा जाना चाहिए कि वे इस मुद्दे की जांच करें और इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, गैर-जिम्मेदाराना डंपिंग को रोकने के लिए कदम उठाएं.”
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