Updated on: 28 September, 2025 08:54 AM IST | Mumbai
Ritika Gondhalekar
नेशनल बर्न्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों का कहना है कि कई मरीजों को अभी और सर्जरी की ज़रूरत है. चौंकाने वाली बात यह है कि जिस खानपान की दुकान में आग लगी थी, उसके पास अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) तक नहीं था.
File Pic/Satej Shinde
कांदिवली में एक खानपान की दुकान में भीषण आग लगने के तीन दिन बाद, जिसमें सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे, ज़्यादातर पीड़ित कई सर्जरी के बावजूद अपनी ज़िंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. ऐरोली स्थित नेशनल बर्न्स हॉस्पिटल में उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा है कि उनके ठीक होने का रास्ता अभी लंबा है. सात पीड़ितों में से, अभी तक केवल एक ही में लगातार सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं. बाकी छह की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है, और कुछ की अभी भी ज़रूरी सर्जरी होनी बाकी है.
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नेशनल बर्न्स हॉस्पिटल के चिकित्सा निदेशक डी. सुनील केसवानी ने कहा, "नीतू गुप्ता, जानकी गुप्ता और शिवानी गांधी का ऑपरेशन हो चुका है. हालाँकि सभी सर्जरी और त्वचा प्रत्यारोपण हो चुका है, फिर भी उनकी हालत गंभीर बनी हुई है क्योंकि वे 90 प्रतिशत तक जल चुकी हैं. दुर्घटना के दौरान उन्होंने भारी मात्रा में धुआँ भी अंदर लिया था जिससे वे कमज़ोर हो गई थीं."
हालांकि, दुर्गा गुप्ता और पुतानी गौतम का अभी ऑपरेशन होना बाकी है. "अब हम सोमवार को सर्जरी की योजना बना रहे हैं. दोनों की हालत फिलहाल स्थिर है, लेकिन उन्हें सर्जरी की ज़रूरत होगी क्योंकि वे गंभीर रूप से जले हुए हैं," केसवानी ने कहा. इस बीच, फायर एनओसी को लेकर एक और तथ्य सामने आया है. मुंबई फायर ब्रिगेड के डिवीजनल प्रमुख पीडी संधिकर ने कहा, "दुकान के पास अग्निशमन विभाग से अनुमति नहीं थी और अब हम दुकान मालिक के खिलाफ जाँच कर रहे हैं. हम इलाके की अन्य दुकानों के लाइसेंस की भी जाँच करेंगे और कड़ी कार्रवाई की जाएगी."
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