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मुंबई: गुड़ी पड़वा पर मुलुंड के स्थानीय लोगों ने पीएपी विरोधी प्रदर्शन किया

Updated on: 10 April, 2024 08:44 AM IST | mumbai
Rajendra B Aklekar | rajendra.aklekar@mid-day.com

मुलुंड निवासियों ने मंगलवार को केंद्रीय हनुमान चौक पर अपना विरोध दर्ज कराया.

पारंपरिक पोशाक और टोपी पहने, निवासियों ने विवादास्पद पुनर्वास परियोजना के विरोध में आवाज उठाई.

पारंपरिक पोशाक और टोपी पहने, निवासियों ने विवादास्पद पुनर्वास परियोजना के विरोध में आवाज उठाई.

Mulund Residents Protest: धारावी और अन्य स्थानों से मुलुंड पूर्व में स्थानांतरित होने वाले परियोजना-प्रभावित लोगों (पीएपी) का विषय चुनावी सरगर्मी के बीच एक प्रमुख मुद्दा बनता जा रहा है. गुड़ी पड़वा की सुबह, मुलुंड निवासियों ने `मुलुंड में पीएपी नहीं, धारावी नहीं` के नारे वाले तख्तियों और बैनरों के साथ एक विरोध रैली निकाली. आंदोलन के संयोजक अधिवक्ता सागर देवरे  ने कहा, `पीएपी हटाओ, मुलुंड बचाओ’ हिंदू नव वर्ष के अवसर पर हम संकल्प लिया है. हमने पीएपी पुनर्वास परियोजना और धारावी पुनर्वास परियोजना के खिलाफ केंद्रीय हनुमान चौक पर विरोध प्रदर्शन किया.` बता दें, प्रयास सेवाभावी संस्था द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में नागरिकों ने `बर्खास्त पीएपी प्रोजेक्ट`, `मुलुंड बचाओ` और `नो पीएपी, नो धारावी` जैसे संदेशों वाली टोपी पहनकर भाग लिया, जो पिछले छह से सात महीनों से विभिन्न तरीकों से विरोध कर रहा है.

सागर देवरे ने कहा, मुलुंड पूर्व में दो प्रमुख पुनर्वास परियोजनाएं आ रही हैं. यहां पर पहले में धारावी पुनर्विकास परियोजना है. इसे 64 एकड़ जमीन सौंपना शामिल है. पूर्व चुंगी नाका के कब्जे वाली 18 एकड़ जगह और पुराने डंपिंग ग्राउंड की 46 एकड़ जमीन है. दूसरे में पूरे मुंबई में अन्य सभी परियोजना प्रभावित लोगों के लिए केलकर कॉलेज के पास 7,439 मकानों का निर्माण शामिल है. देवरे ने कहा, `ये परियोजनाएं मुलुंड पूर्व में नागरिक और अन्य मौजूदा सुविधाओं पर दबाव बढ़ाएंगी और इन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. इतने सारे लोगों को एक उपनगर में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है. यह अन्यायपूर्ण है और मुलुंड के निवासी इसका विरोध कर रहे हैं.`



कई निवासियों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से भी मुलाकात की थी और उन्हें इस मुद्दे के बारे में जानकारी दी थी और कुछ महीने पहले ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर एक मानव श्रृंखला भी बनाई थी.


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