Updated on: 21 February, 2025 08:59 AM IST | Mumbai
Prasun Choudhari
मुंबई के हनीमून पर गए जोड़े हर्षवर्धन सराफ और अक्षता खेतान का सामान लुफ्थांसा एयरलाइंस ने कथित तौर पर खो दिया और बाद में चेक आउट करने के बाद उनके एम्सटर्डम होटल में पहुंचा दिया.
हर्षवर्षण सराफ और अक्षता खेतान का दावा है कि लुफ्थांसा ने उनसे बैग वापस भेजने के लिए €600 (54,296 रुपये) मांगे हैं.
मुंबई के एक जोड़े का एम्सटर्डम में हनीमून उनके सामान के कथित कुप्रबंधन के कारण दुःस्वप्न में बदल गया, जिसके कारण उन्हें अपने बैग के बिना ही अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा और यूरोप में सभी आवश्यक सामान खरीदना पड़ा. इससे भी बदतर बात यह रही कि उनका सामान कथित तौर पर चेक आउट करने के कुछ दिनों बाद उनके एम्सटर्डम होटल में पहुंचा दिया गया, जिससे वे फंस गए. 18 जनवरी को मुंबई लौटने के बावजूद उन्हें अभी तक अपना सामान नहीं मिला है.
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मुंबई के हनीमून पर गए जोड़े हर्षवर्धन सराफ और अक्षता खेतान का सामान लुफ्थांसा एयरलाइंस ने कथित तौर पर खो दिया और बाद में चेक आउट करने के बाद उनके एम्सटर्डम होटल में पहुंचा दिया. जोड़े का दावा है कि उनके बैग आज भी होटल में हैं. उनकी यात्रा 5 जनवरी को शुरू हुई, जब वे मुंबई से म्यूनिख के लिए लुफ्थांसा की उड़ान से रवाना हुए, जहां उन्हें एम्सटर्डम के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट लेनी थी. म्यूनिख हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि एम्सटर्डम के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं.
चूंकि उनकी बुकिंग प्रीपेड थी, इसलिए उन्होंने म्यूनिख में लुफ्थांसा एजेंट की सलाह का पालन किया और लुफ्थांसा सिटी फ्लाइट से कोलोन गए, जहां से वे ट्रेन से एम्स्टर्डम पहुंचे. हालांकि, कोलोन पहुंचने पर उन्हें पता चला कि उनका सामान म्यूनिख-कोलोन फ्लाइट में लोड नहीं किया गया था. एयरलाइन ने आखिरकार 9 जनवरी को उनके बैग एम्स्टर्डम होटल में पहुंचा दिए - तब तक वे स्विट्जरलैंड के लिए रवाना हो चुके थे. उनका सामान एम्स्टर्डम होटल में ही है, और लुफ्थांसा ने अभी तक उनके बैग वापस लेने के बारे में कोई जवाब नहीं दिया है. इस मामले पर टिप्पणी के लिए लुफ्थांसा को भेजे गए ईमेल का जवाब प्रेस में जाने तक नहीं मिला.
‘मानसिक, वित्तीय आघात’
अपने भयावह अनुभव का वर्णन करते हुए, सराफ ने मिड-डे को बताया, “लुफ्थांसा के साथ हमारा निराशाजनक अनुभव, उनके समर्थन और सहयोग की कमी से और भी बदतर हो गया, जबकि इसमें हमारी कोई गलती नहीं थी, जिससे मानसिक और वित्तीय दोनों तरह का आघात हुआ. 5 जनवरी को हम फ्लाइट LH 767 से म्यूनिख पहुंचे और म्यूनिख से एम्स्टर्डम के लिए LH 2302 में सवार होने वाले थे. म्यूनिख में उन्हें बताया गया कि उनकी एम्स्टर्डम फ्लाइट रद्द कर दी गई है. सराफ ने कहा, "करीब दो घंटे बाद हम अपनी फ्लाइट को ठीक करवाने के लिए लुफ्थांसा सर्विस सेंटर पहुंचे. हमें बताया गया कि उस दिन एम्स्टर्डम के लिए लुफ्थांसा और केएलएम की लगभग सभी फ्लाइट रद्द कर दी गई हैं."
"हम एक और दिन इंतजार नहीं कर सकते थे, क्योंकि हमारी यात्रा और रहने-खाने की सारी फीस पहले ही चुका दी गई थी और इस बात की प्रबल संभावना थी कि फ्लाइट फिर से रद्द हो सकती है. काउंटर पर मौजूद लुफ्थांसा के एक कर्मचारी आर वीगल ने बहुत समझदारी दिखाई और कोलोन के लिए लुफ्थांसा सिटी फ्लाइट का सुझाव दिया, जहां से हम एम्स्टर्डम के लिए ट्रेन ले सकते थे, जिसमें यात्रा का खर्च भी शामिल था. उन्होंने पुष्टि की कि हमारा सामान उसी फ्लाइट, VL 1978 में लोड किया जाएगा, इसलिए हम सहमत हो गए," उन्होंने कहा. ‘बैग कभी नहीं पहुंचा’
खेतन ने अपनी परेशानी को याद करते हुए कहा, “बोर्डिंग से पहले, हमने स्टाफ से पूछा कि क्या हमारे बैग लोड हो गए हैं. उसने अपनी स्क्रीन चेक की और हमें आश्वस्त किया कि वे लोड हो गए हैं. लेकिन, कोलोन पहुंचने पर, हमने पाया कि हमारे बैग लोड ही नहीं हुए थे. कहने की ज़रूरत नहीं कि तनाव जल्दी ही शुरू हो गया. हमें एक ऑनलाइन गुम हुए बैगेज फॉर्म को भरना पड़ा, जिसमें सभी ज़रूरी विवरण, विवरण और पते दिए गए थे - जिसमें हमारा एम्स्टर्डम होटल और हमारा स्थायी भारतीय पता दोनों शामिल थे. हमें बताया गया कि बैग 1-3 दिनों के भीतर आ जाएगा, जबकि कोलोन ट्रेन से सिर्फ़ 3.5 घंटे की दूरी पर है.”
उन्होंने आगे कहा, “हम एम्स्टर्डम के लिए आखिरी सीधी तेज़ ट्रेन पकड़ने के लिए कोलोन स्टेशन पहुंचे. फिर, हमारा सामान 9 जनवरी को हमारे एम्स्टर्डम होटल में पहुंचने में पाँच दिन लग गए, वादे के मुताबिक तीन दिन नहीं. हम तब तक स्विट्जरलैंड में पहुँच चुके थे. 5 और 9 जनवरी के बीच, हमने लुफ्थांसा द्वारा नियुक्त कूरियर कंपनी को कई कॉल किए और ईमेल भेजे. लेकिन, हमें सिर्फ़ एक ईमेल मिला जिसमें कूरियर कंपनी का नाम, फ़ोन नंबर और संदर्भ संख्या थी, लेकिन कोई ट्रैकिंग लिंक नहीं था. डिकर और थिज होटल ने आज तक हमारे सामान को संभालकर रखने में बहुत मदद की है.”
‘हनीमून पर एक बुरा सपना’
सराफ़ ने कहा, “हमारे कीमती सामान- हमारे कपड़े, जूते और ज़रूरी सामान- खोने का डर, घबराहट और तनाव अकल्पनीय था.” जोड़े ने आखिरकार एयरलाइन की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने यह भी दावा किया कि लुफ़्थांसा उनका सामान भारत वापस करने के लिए प्रति बैग €300 (R27,148) की मांग कर रहा था, जो दोनों बैग के लिए कुल €600 (54,296) था.
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