Updated on: 16 January, 2025 03:27 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
मकर संक्रांति 2025 के अवसर पर मुंबई में वन्यजीव कल्याण समूह और पशु कार्यकर्ताओं ने तीन दिवसीय अभियान चलाकर पतंग के चीनी मांझे से घायल 60 से अधिक पक्षियों की जान बचाई.
Representational Image
वन्यजीव कल्याण समूह के एक प्रतिनिधि ने बताया कि मकर संक्रांति उत्सव के दौरान तीन दिवसीय अभियान में पशु कार्यकर्ताओं ने मुंबई में पतंग के मांझे से घायल 60 से अधिक पक्षियों को बचाया. यह अभियान रेसक्विंक एसोसिएशन फॉर वाइल्डलाइफ वेलफेयर (RAWW) और रिवाइल्ड द्वारा 13 से 15 जनवरी तक चलाया गया.
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प्रतिबंध के बावजूद चीनी मांझे का उपयोग जारी
भारत में चीनी मांझे के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध के बावजूद नायलॉन और कांच की परत वाले इन धागों का उपयोग हो रहा है. लोग इन्हें लापरवाही से फेंक देते हैं, जिससे पक्षियों और इंसानों को गंभीर नुकसान हो रहा है. अभियान के दौरान पाए गए घायल पक्षियों में से कुछ को बचाया नहीं जा सका. रिवाइल्ड के प्रतिनिधियों ने बताया कि कई पक्षियों की सर्जरी और पुनर्वास की योजना बनाई जा रही है. साथ ही, बरामद मांझे का निपटान किया जा रहा है ताकि भविष्य में हादसे रोके जा सकें.
वसई में चीनी मांझे से बाइक सवार घायल
वसई में पतंगबाजी उत्सव के दौरान 39 वर्षीय मोटरसाइकिल सवार विक्रम डांगे की गर्दन पर चीनी मांझे से गहरी चोट लगी. उनकी पत्नी नीतल ने तुरंत अपने दुपट्टे से खून रोकने की कोशिश की और उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने उनकी गर्दन पर नौ टांके लगाए और उन्हें 25 दिन आराम करने की सलाह दी.
नागरिकों की सुरक्षा पर सवाल
नीतल ने आयोजकों की लापरवाही पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पतंगबाजी में कोई बुराई नहीं है, लेकिन नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना आयोजकों का दायित्व है. उन्होंने चीनी मांझे के इस्तेमाल पर नाराजगी जताई और इसे बेचने और उपयोग करने की प्रवृत्ति को `घृणित` बताया. हर साल होने वाली दुखद घटनाओं को रोकने के लिए उन्होंने सख्त कदम उठाने की अपील की.
प्रतिनिधियों ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए जागरूकता और कड़े नियमों का पालन आवश्यक है.
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