Updated on: 02 August, 2024 11:04 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
`राज्य सरकार को तत्काल कार्रवाई करते हुए मातंग समाज को आरक्षण दिया जाना चाहिए.`
सुरेशचंद्र ने कहा कि अब जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है, तब राज्य सरकार को तत्काल कार्रवाई करते हुए मातंग समाज को आरक्षण दिया जाना चाहिए.
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति का वर्गीकरण किए जाने की अनुमति राज्यों को दिए जाने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है. इस फैसले से पिछ्ले अनेक वर्षों से इस संबंध में की जा रही मांग को न्याय मिला है. इस फैसले के आने के बाद अब महाराष्ट्र सरकार तत्काल सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति अभ्यास आयोग की स्थापना करके मातंग समाज को उसकी जनसंख्या के आधार पर स्वतंत्र आरक्षण दे. यह मांग मातंग समाज के नेता एवं कांग्रेस प्रवक्ता सुरेशचंद्र राजहंस ने की है. उन्होंने कहा कि लोकशाहिर अण्णा भाऊ साठे की जयंती के दिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना उस महमानव के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है. उन्होंने कहा कि अण्णा भाऊ साठे ने अपने साहित्य के जरिए समाज के वंचित, उपेक्षित एवं दुर्बल लोगों की व्यथा को उठाने का कार्य किया है. सुरेशचंद्र ने कहा कि महाराष्ट्र का मातंग एवं ऐसे ही अन्य समाज लगातार आरक्षण के वर्गीकरण की मांग करता रहा है, उसके संघर्ष को आज यश मिला है.
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शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए सुरेशचंद्र ने बताया कि `सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राज्य के अनुसूचित जाति, जनजाति, उपेक्षित, वंचित एवं कमजोर वर्गों को न्याय मिला है. समाज को न्याय दिलाने के लिए महायुती सरकार से लगातार संपर्क करके प्रयास किया जाता रहा. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बाकायदा एक बैठक बुलाकर इस बारे में उचित निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया था, इसके बाद शंभू राज देसाई ने भी बैठक किया. उन्होंने अभ्यास दौरा करने का फैसला किया. इस प्रकार महायुती सरकार ने सिर्फ समय पास किया, मगर कोई निर्णय नहीं ले सकी.`
सुरेशचंद्र ने आगे कहा कि अब जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है, तब राज्य सरकार को तत्काल कार्रवाई करते हुए मातंग समाज को आरक्षण दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार ने न्यायिक अभ्यास आयोग का गठन नहीं किया है, इसलिए राज्य में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू नहीं किया जा सकेगा, जबकि अन्य राज्यों में आयोग की रिपोर्ट तैयार होने के कारण वहां पर इसे तुरंत लागू कर दिया जाएगा. श्री सुरेशचंद्र ने महाराष्ट्र में भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू किया जाए इसलिए उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री से आरक्षण के वर्गीकरण के लिए तत्काल न्यायिक आयोग के गठन की मांग की है.
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