Updated on: 24 February, 2024 10:15 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से मामले पर विवरण देते हुए हलफनामा देने के निर्देश दिए हैं.
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में एक अस्पताल के बाहर सड़क पर मरीजों का इलाज किए जाने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है.
Bombay High Court: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में एक अस्पताल के बाहर सड़क पर मरीजों का इलाज किए जाने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के बुलदाना जिले में एक अस्पताल के बाहर सड़क पर इलाज कर रहे फूड पॉइजनिंग पीड़ितों का संज्ञान लेते हुए सरकार से हलफनामा मांगा. शासकीय अधिवक्ता पी. पी. काकड़े मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ ने डॉक्टर की पीठ के समक्ष कहा कि अस्पताल की क्षमता केवल 30 बिस्तरों की है और लगभग 150 लोगों ने असुविधा और पेट की समस्याओं की शिकायत की है. इन लोगों को एक स्थानीय मंदिर की मिठाइयां खाने के बाद फूड प्वाइजनिंग हो गई.
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अस्पताल की क्षमता केवल 30 थी, लेकिन उनके पास पर्याप्त कर्मचारी और दवाएं थीं. मरीजों का तुरंत इलाज किया गया और अगले दिन छुट्टी दे दी गई. उनकी हालत गंभीर नहीं थी. हम उसका इलाज अस्पताल के अंदर नहीं कर सकते थे इसलिए उसका इलाज बाहर किया गया.`
चीफ जस्टिस उपाध्याय ने पूछा कि जहां यह घटना हुई, वहां से जिला अस्पताल कितनी दूर है? यदि कोई मरीज़ गंभीर रूप से पीड़ित है और उसे तत्काल दवा की आवश्यकता है तो क्या होगा?` पीठ ने सरकारी वकील काकड़े को ये विवरण जमा करते हुए एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया और मामले को दस दिनों के बाद आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया.
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