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ठाणे से बोरीवली दोहरी सुरंग मार्ग को मिली मंजूरी, हाईकोर्ट ने जनहित याचिका की खारिज

Updated on: 20 March, 2025 09:20 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

ठाणे और बोरीवली के बीच 11.8 किमी लंबी यह दोहरी सुरंग मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) में यातायात की भीड़ कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है.

Representational Image

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मुंबई और ठाणे के बीच यातायात को सुगम बनाने के उद्देश्य से ठाणे-बोरीवली दोहरी सुरंग मार्ग परियोजना को हरी झंडी मिल गई है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस परियोजना को लेकर दायर जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया है, जिसमें मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) को ठेका दिए जाने को चुनौती दी गई थी.

इस मामले में हैदराबाद के पत्रकार रवि प्रकाश ने याचिका दायर कर MEIL की विदेशी बैंक गारंटी पर सवाल उठाए थे. उनका आरोप था कि कंपनी की गारंटी अवैध है और इस परियोजना को निष्पक्ष रूप से आवंटित नहीं किया गया. हालाँकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि इसमें न्यायिक हस्तक्षेप के लिए आवश्यक कानूनी आधार नहीं है.


इस मामले में मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) का पक्ष रखते हुए भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता ने यह खुलासा नहीं किया कि जिन विदेशी बैंक गारंटियों को अवैध बताया जा रहा है, वे भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और स्टेट बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा प्रमाणित हैं. इस दलील के बाद न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया.


ठाणे-बोरीवली सुरंग परियोजना क्यों महत्वपूर्ण?

ठाणे और बोरीवली के बीच 11.8 किमी लंबी यह दोहरी सुरंग मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) में यातायात की भीड़ कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है. यह परियोजना संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (SGNP) के नीचे से गुजरेगी, जिससे मौजूदा सड़क मार्ग पर लगने वाला समय लगभग 25 मिनट तक कम हो जाएगा.


परियोजना को लेकर विवाद

परियोजना का ठेका MEIL को दिए जाने को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ याचिकाकर्ताओं ने इसकी वैधता पर सवाल उठाए. हालाँकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि परियोजना में कानूनी रूप से कोई गड़बड़ी नहीं हुई है और MEIL की बैंक गारंटी वैध है. इसके साथ ही, न्यायालय ने कहा कि इस परियोजना को अवरुद्ध करने का कोई ठोस आधार नहीं है.

हाईकोर्ट की मंजूरी के बाद अब इस परियोजना के निर्माण कार्य में तेजी आने की उम्मीद है. इसके पूरा होने के बाद, मुंबई और ठाणे के बीच यातायात सुगम होगा और लोगों को एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा. इस सुरंग से न केवल यात्रा का समय घटेगा बल्कि ईंधन की बचत और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी.

ठाणे-बोरीवली दोहरी सुरंग परियोजना अब पूरी तरह से कानूनी बाधाओं से मुक्त हो चुकी है. बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले से MMRDA और MEIL को राहत मिली है, जिससे इस परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी आएगी. मुंबई महानगर क्षेत्र के लाखों यात्रियों के लिए यह सुरंग भविष्य में एक बड़ा बदलाव लाएगी.

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