Updated on: 22 March, 2025 08:08 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
सुप्रिया सुले ने अपने सवालों में यह उठाया कि यदि सीबीएसई पाठ्यक्रम राज्य के स्कूलों में शुरू किया जा रहा है, तो क्या राज्य शिक्षा बोर्ड को बंद करने का विचार किया जा रहा है?
X/Pics, Supriya Sule
महाराष्ट्र राज्य सरकार ने राज्य के स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू करने का फैसला किया है, लेकिन इस फैसले को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने कड़ी आलोचना की है. उन्होंने राज्य सरकार से कई अहम सवाल किए हैं, जिनमें मराठी भाषा और राज्य शिक्षा बोर्ड की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई गई है.
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सुप्रिया सुले ने अपने सवालों में यह उठाया कि यदि सीबीएसई पाठ्यक्रम राज्य के स्कूलों में शुरू किया जा रहा है, तो क्या राज्य शिक्षा बोर्ड को बंद करने का विचार किया जा रहा है? उनका मानना है कि यदि यह बदलाव लागू होगा, तो मराठी भाषा की स्थिति क्या होगी, इस पर स्पष्टता होनी चाहिए. सुप्रिया सुले ने यह भी कहा कि जो कुछ दक्षिण भारत में भाषाओं के साथ हुआ, क्या वह सही था? उनका सवाल था कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा का भविष्य क्या होगा, खासकर सीबीएसई पाठ्यक्रम के लागू होने के बाद.
सुप्रिया सुले ने कहा, “अगर राज्य में सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू हो रहा है, तो मेरे पास तीन बड़े सवाल हैं. सबसे पहला सवाल यह है कि इस पाठ्यक्रम में मराठी का कितना प्रतिशत हिस्सा होगा? क्या महाराष्ट्र का इतिहास इस पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा? और क्या इसमें राज्य से संबंधित जानकारी पर्याप्त होगी?”
उन्होंने यह भी पूछा कि क्या राज्य इस निर्णय के साथ पूरी तरह से तैयार है, खासकर परीक्षा प्रणाली और शिक्षक तैयारियों के मामले में. क्या राज्य के स्कूलों में सीबीएसई की परीक्षाओं के लिए पर्याप्त शिक्षक हैं? क्या सरकार के पास पर्याप्त संसाधन और इंफ्रास्ट्रक्चर हैं, जो सीबीएसई प्रणाली के तहत शिक्षा प्रदान कर सकें?
सुप्रिया सुले ने सरकार से यह भी पूछा कि क्या यह फैसला अचानक लिया गया है या इसके लिए लंबे समय से योजना बनाई जा रही थी? वे इस बात पर भी हैरान हैं कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में जहां मराठी एक प्रमुख भाषा है, सीबीएसई पाठ्यक्रम को लागू करने से पहले इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श क्यों नहीं किया गया.
लाईव्ह |?मुंबई | पत्रकारांशी संवाद ?️22-03-2025 https://t.co/RmkIoHkVEk
— Supriya Sule (@supriya_sule) March 22, 2025
यह सवाल न केवल सीबीएसई पाठ्यक्रम के लागू होने को लेकर बल्कि मराठी भाषा, संस्कृति और राज्य शिक्षा बोर्ड के भविष्य पर भी गंभीर चिंताओं को जन्म देता है. सुप्रिया सुले के इन सवालों से स्पष्ट है कि यह कदम महाराष्ट्र की स्थानीय पहचान और शिक्षा व्यवस्था को लेकर गहरी बहस का कारण बन सकता है.