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मुंबई: मध्य रेलवे के दादर, एलटीटी और सीएसएमटी स्टेशनों पर लगाई गई वॉटर प्यूरीफायर की मशीनें, यात्रियों को मिलेगी राहत

Updated on: 01 February, 2024 05:38 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

मुंबई: मध्य रेलवे (CR) के कई मुंबई स्टेशनों (Mumbai Stations) पर जल के शुद्धिकरण के लिए 10 प्यूरीफायर मशीनें लगाई गई हैं. इसमें मुंबई के दादर, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी,CSMT), मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनस (LTT) जैसे कई बड़े स्टेशन शामिल हैं.

प्रतिकात्मक तस्वीर

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की हाइलाइट्स

  1. मुंबई के एलटीटी, सीएसएमटी और दादर में लगी प्यूरीफायर मशीनें
  2. यात्रियों की सुविधा के लिए फिलहाल 10 मशीनों से की गई है शुरुआत
  3. भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के कारण हुई ये पहले

मुंबई: मध्य रेलवे (CR) के कई मुंबई स्टेशनों (Mumbai Stations) पर जल के शुद्धिकरण के लिए 10 प्यूरीफायर मशीनें लगाई गई हैं. इसमें मुंबई के दादर, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी,CSMT), मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनस (LTT) जैसे कई बड़े स्टेशन शामिल हैं.

भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) ने प्रतिबंधित ठोस पदार्थों को हटाकर पानी को शुद्ध करने के लिए स्टेशनों पर वॉटर प्यूरीफायर मशीनें (Water purifier machines) लगाई हैं. जल के शुद्धिकरण और पानी से माइक्रोबियल संदूषण, आर्सेनिक, लोहा, फ्लोराइड, भारी धातु, नाइट्रेट और लवणता को हटाने के लिए एक नई तकनीकी की प्यूरीफायर मशीन बनाई है.


भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र ने आम लोगों को साफ और प्रदूषण रहित जल देने के लिए भारत के कई हिस्सों में जल प्रौद्योगिकियों की तैनाती पर एक परियोजना पर काम करने की ठानी है. इस परियोजना के तहत, मेसर्स ओस्मोटेक मेम्ब्रेंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 10 BARC प्रौद्योगिकी-आधारित जल शुद्धिकरण की इकाइयां (750/500 LPH क्षमता) स्थापित की हैं.


इसकी शुरुआत मुंबई से की गई है. मध्य रेलवे (CR) के कई स्टेशनों पर ये मशीनें लगाई गई हैं. सीएसएमटी (CSMT) पर 750 एलपीएच क्षमता की 3 मशीनें, एलटीटी (LTT) पर 500 एलपीएच क्षमता की 4 मशीनें, दादर (Dadar) में 500 एलपीएच क्षमता की 2 मशीनें और डॉकयार्ड रोड (Dockyard Road) पर 750 एलपीएच क्षमता की 1 मशीन लगाई गई है.

27 जनवरी से चालू की गई इस व्यवस्था से यात्रियों को भी लाभ होगा. एमओए के अनुसार, अगले एक वर्ष के लिए इकाइयों का नियमित रखरखाव, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) प्रौद्योगिकी लाइसेंसधारी द्वारा किया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर मध्य रेलवे द्वारा आवश्यक साइट सहायता प्रदान की जाएगी. वैसे इस मशीन की लाइफ 10 साल बताई गई है लेकिन पानी की गुणवत्ता के हिसाब से इसका जीवनकाल 3 से 5 वर्ष तक ही माना जा सकता है. झिल्ली को यदि 3 से 5 साल के बीच बदला जाता है तो इसकी लागत 30,000 रुपये होगी.


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