Updated on: 10 April, 2025 03:22 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
एसोसिएशन, जो 500 से 20,000 लीटर की क्षमता वाले लगभग 1,800 पंजीकृत टैंकरों का संचालन करती है, साउथ मुंबई के समृद्ध क्षेत्रों सहित मुंबई भर में पानी की आपूर्ति करती है.
फोटो/शादाब खान
मुंबई वाटर टैंकर एसोसिएशन (एमडब्ल्यूटीए) ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा निजी कुओं के मालिकों को जारी किए गए नोटिसों के विरोध में शहर भर में अपने परिचालन को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार एसोसिएशन, जो 500 से 20,000 लीटर की क्षमता वाले लगभग 1,800 पंजीकृत टैंकरों का संचालन करती है, साउथ मुंबई के समृद्ध क्षेत्रों सहित मुंबई भर में आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों में लगभग 350 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) पानी की आपूर्ति करती है.
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रिपोर्ट के मुताबिक एमडब्ल्यूटीए के प्रवक्ता अंकुर शर्मा ने बताया कि बीएमसी द्वारा निजी कुओं के मालिकों पर लगाए गए कई नए नियामक आवश्यकताओं के कारण शटडाउन किया गया था. नए निर्देशों के अनुसार प्रत्येक कुआं मालिक के पास 200 वर्ग मीटर भूमि के पट्टे या स्वामित्व का प्रमाण होना चाहिए, डिजिटल जल प्रवाह मीटर लगाना चाहिए, बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) मानदंडों का पालन करना चाहिए, दैनिक जल निकासी पर सटीक डेटा प्रदान करना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण बात केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करना चाहिए.
शर्मा ने कहा, "मुंबई जैसे घनी आबादी वाले और जगह की कमी वाले शहर में इन नियमों का पालन करना संभव नहीं है." रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने आगे कहा, "हमने मुख्यमंत्री कार्यालय और अन्य संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा है, लेकिन हमारी शिकायतों का समाधान नहीं हुआ है. जब तक सरकार छूट नहीं देती, हम आपूर्ति फिर से शुरू नहीं करेंगे." मुंबई के उपनगरीय जिले के संरक्षक मंत्री आशीष शेलार ने भी जल शक्ति मंत्रालय को लिखे पत्र में उन्होंने आग्रह किया कि निजी कुआं मालिकों के खिलाफ कार्रवाई न की जाए.
उनके हस्तक्षेप के बावजूद बीएमसी की ओर से नोटिस जारी किए जाते रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक शर्मा ने कहा, "यह सिर्फ़ व्यापार बंद होने की बात नहीं है, यह शहर के कई लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण जीवनरेखा का पतन है." "हमारे पास समाधान होने तक परिचालन को निलंबित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है." अनिश्चितकालीन हड़ताल से महानगर के कई हिस्सों में पानी की उपलब्धता बाधित होने की आशंका है, खासकर उन इलाकों में जो दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए टैंकर डिलीवरी पर बहुत अधिक निर्भर हैं.
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