इस महत्वपूर्ण उपलब्धि का जश्न छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से शुरू होकर पूरे रेलवे नेटवर्क में मनाया जा रहा है. (PICS/SHADAB KHAN)
3 फरवरी 1925 को, भारतीय रेलवे ने अपने पहले विद्युतीकृत सेक्शन की शुरुआत की थी. यह लाइन मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (तत्कालीन विक्टोरिया टर्मिनस) से कुर्ला तक थी.
यह वह ऐतिहासिक क्षण था जब भारतीय रेलवे ने कोयला और स्टीम इंजनों से आगे बढ़कर विद्युत-चालित इंजनों का उपयोग शुरू किया. यह परिवर्तन भारतीय रेलवे के हरित रेल प्रणाली की दिशा में पहला बड़ा कदम था.
मुंबई लोकल ट्रेन को मुंबई की `लाईफलाइन` कहा जाता है, और इसे चलाने वाले मोटरमैन और रेलवे कर्मचारी इस उपलब्धि पर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं. लोकल ट्रेनों पर फूलों की माला सजाई जा रही है और मोटरमैन मिठाई बांटकर इस ऐतिहासिक दिन का जश्न मना रहे हैं.
रेलवे कर्मचारी बताते हैं कि विद्युतीकरण के कारण भारतीय रेलवे ने कई बदलाव देखे हैं. कोयले और डीजल से चलने वाली ट्रेनों की जगह अब इलेक्ट्रिक ट्रेनों ने ले ली है, जिससे रेलवे अधिक पर्यावरण अनुकूल और किफायती बन गया है.
भारतीय रेलवे अब पूरी तरह से हरित ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है. वर्ष 2030 तक भारतीय रेलवे को "नेट ज़ीरो" कार्बन उत्सर्जन वाली संस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस दिशा में विद्युतीकरण ने रेलवे को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
मुंबई लोकल से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भी यह एक खास अवसर है. कुछ यात्रियों ने बताया कि उन्हें इस ऐतिहासिक दिन के बारे में स्टेशन पर लगे पोस्टरों और उद्घोषणाओं से जानकारी मिली. कई लोगों ने रेलवे की इस उपलब्धि पर गर्व जताया और कहा कि वे इस ऐतिहासिक परिवर्तन का हिस्सा बनकर खुश हैं.
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