दरअसल, रविवार को मेगा ब्लॉक के चलते यात्री जल्दबाजी में ट्रेन में चढ़ने के लिए दौड़ रहे थे. इस भीड़भाड़ के बीच माया राव का संतुलन बिगड़ गया, और वह ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच में गिर गई.
इस हादसे को देखते ही कुछ सतर्क यात्रियों ने तुरंत रेलवे पुलिस को सूचित किया.
माया राव, जो दृष्टिहीन थीं, को बाहर निकलने में बेहद मुश्किल हो रही थी. इस स्थिति में, रेलवे पुलिस और रेलवे कर्मचारियों ने तत्परता दिखाई.
सरकारी रेलवे पुलिस कांस्टेबल प्रमोद कदम, टिकट निरीक्षक धनंजय यादव और सूरज हल्दे, रेलवे सुरक्षा बल के सीटी संजय सैनी और अन्य अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया.
उनके साथ कुछ यात्रियों ने भी साहसिक कदम उठाते हुए माया को बाहर निकालने में मदद की.
समय रहते उचित कार्रवाई ने माया राव की जान बचाई. रेलवे पुलिस और कर्मचारियों ने संगठित ढंग से काम किया, जिससे दुर्घटना टल गई.
वे सतर्कता और सूझबूझ के साथ महिला को सुरक्षित बाहर निकालने में सफल रहे.
घटना के बाद, रेलवे कर्मचारियों ने माया को चिकित्सा सहायता प्रदान की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसे कोई गंभीर चोट न आई हो.
घटना के बाद, रेलवे कर्मचारियों ने माया को चिकित्सा सहायता प्रदान की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसे कोई गंभीर चोट न आई हो.
प्राथमिक जांच के बाद यह पाया गया कि माया को कोई गंभीर चोट नहीं लगी है और उसकी हालत स्थिर है.
इस घटना में जिन लोगों ने माया राव को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उनमें सरकारी रेलवे पुलिस कांस्टेबल प्रमोद कदम, टिकट निरीक्षक धनंजय यादव और सूरज हल्दे, और रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी संजय सैनी का विशेष योगदान रहा. उनकी सतर्कता, त्वरित निर्णय और साहसिक प्रयास ने एक संभावित हादसे को टाल दिया.
यह घटना रेलवे पुलिस, कर्मचारियों और यात्रियों की त्वरित प्रतिक्रिया और आपसी सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है. उन्होंने मिलकर यह साबित किया कि मुश्किल घड़ी में त्वरित सोच और टीम वर्क के माध्यम से जीवन बचाया जा सकता है.
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