फोटो/अतुल कांबले
अंबानी परिवार शाश्वत भारतीय कहावत, "मानव सेवा ही माधव सेवा" - "मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है" का पालन करता है. इस सिद्धांत की भावना में, उनके पास हर बड़े पारिवारिक अवसर की शुरुआत दूसरों की सेवा करके करने की परंपरा है, जो समुदाय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है.
श्रीमती नीता अंबानी और श्री मुकेश अंबानी अपने परिवार के सदस्यों के साथ समारोह में शामिल हुए और जोड़ों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दीं, जिससे इस शुभ अवसर में एक व्यक्तिगत स्पर्श जुड़ गया.
सद्भावना के तौर पर, प्रत्येक जोड़े को मंगलसूत्र, शादी की अंगूठियाँ और नाक की अंगूठी सहित सोने के आभूषण भेंट किए गए. उन्हें पैर की अंगूठियाँ और पायल जैसे चांदी के आभूषण भी दिए गए. इसके अलावा, प्रत्येक दुल्हन को उसके `स्त्रीधन` के रूप में 1.01 लाख (एक लाख एक हजार) रुपये का चेक भेंट किया गया. प्रत्येक जोड़े को एक वर्ष के लिए पर्याप्त किराने और घरेलू सामान भी उपहार में दिए गए, जिसमें 36 आवश्यक वस्तुएँ और बर्तन, गैस स्टोव, मिक्सर और पंखा जैसे उपकरण, साथ ही एक गद्दा और तकिया शामिल हैं.
विवाह समारोह में 800 से अधिक लोग शामिल हुए, जिनमें दुल्हन और दूल्हे के परिवार के सदस्य, स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता और समुदाय के सदस्य शामिल थे. समारोह के बाद सभी उपस्थित लोगों के लिए एक भव्य रात्रिभोज का आयोजन किया गया, जिससे उत्सव और एकजुटता की भावना को बढ़ावा मिला.
उपस्थित लोगों को वारली जनजाति द्वारा किए जाने वाले पारंपरिक तारपा नृत्य को देखने के लिए भी आमंत्रित किया गया, जिसने शाम को एक समृद्ध सांस्कृतिक अनुभव प्रदान किया.
अंबानी परिवार की इस पहल ने न केवल जोड़ों के मिलन का जश्न मनाया, बल्कि सामाजिक कल्याण और सामुदायिक समर्थन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी उजागर किया है.
इस तरह पहले भी परिवार में शादियों के अवसर पर, अंबानी परिवार ने आस-पास के समुदायों और गैर सरकारी संगठनों के साथ लोगों के लिए भोजन सेवा या अन्न सेवा चलाई है.
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