तस्वीर/अतुल कांबले
20 नवंबर को विश्व बाल दिवस मनाया जाता है. यह दिन प्रत्येक बच्चे के अधिकारों, कल्याण और क्षमता को पहचानने के लिए होता है.
यह दिन दो ऐतिहासिक दस्तावेजों की वर्षगांठ का प्रतीक है, जिन्होंने विश्व स्तर पर बच्चों के मौलिक अधिकारों को प्रतिष्ठित किया. इसमें बाल अधिकारों की घोषणा, 1959 में अपनाई गई और बाल अधिकारों पर कन्वेंशन,1989 में मंजूरी दी गई.
यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी बच्चों को, उनकी पृष्ठभूमि या परिस्थितियों की परवाह किए बिना, आगे बढ़ने और अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने का अवसर दिया जाए.
विश्व बाल दिवस का विचार पहली बार 1925 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organization) ने प्रस्तावित किया था. आईएलओ उन बच्चों की दुर्दशा के बारे में चिंतित था जिन्हें श्रम के लिए मजबूर किया जा रहा था और उन्हें शिक्षा नहीं मिल रही थी.
1954 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सार्वभौमिक बाल दिवस की घोषणा करते हुए एक प्रस्ताव अपनाया. 20 नवंबर की तारीख को बाल अधिकारों की घोषणा को अपनाने के उपलक्ष्य में चुना गया था.
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