इस अद्भुत रोशनी ने सीएसएमटी की विक्टोरियन गोथिक शैली की स्थापत्य भव्यता को और भी खूबसूरत तरीके से उजागर किया. (PICS/ATUL KAMBLE)
रोशनी की यह शानदार छटा देखकर न केवल स्थानीय लोग, बल्कि दूर-दूर से आए पर्यटक भी प्रभावित हुए. यह दृश्य एक अद्वितीय अनुभव बन गया, जिससे लोगों का ध्यान इस ऐतिहासिक धरोहर की ओर आकर्षित हुआ.
सीएसएमटी, जिसे पहले विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से जाना जाता था, को 2004 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई थी. यह स्टेशन ब्रिटिश वास्तुकार एफडब्ल्यू स्टीवंस द्वारा डिजाइन किया गया था.
सीएसएमटी मुंबई की पहचान का एक अहम हिस्सा है और इसका स्थापत्य इसे विश्व धरोहर स्थलों में विशेष स्थान दिलाता है. यह रेलवे स्टेशन न केवल इसके डिज़ाइन के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि मुंबई के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा भी है.
विश्व धरोहर दिवस 2025 का विषय है - "आपदाओं और संघर्षों से खतरे में विरासत: आईसीओएमओएस कार्रवाई के 60 वर्षों से तैयारी और सीख".
इसका उद्देश्य यह बताना है कि किस प्रकार प्राकृतिक आपदाएं और मानव-निर्मित संकट हमारे धरोहर स्थलों को प्रभावित कर सकते हैं. साथ ही, यह हमें इन स्थलों के संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में भी अवगत कराता है.
भारत में कुल 43 विश्व धरोहर स्थल हैं, और 62 अन्य स्थलों को यूनेस्को की अनंतिम सूची में शामिल किया गया है. इन स्थलों का संरक्षण हमारे इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए बहुत आवश्यक है.
विश्व धरोहर दिवस पर मनाए गए इस तरह के आयोजनों से यह संदेश जाता है कि हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करनी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इसका आनंद ले सकें.
सीएसएमटी को रंगीन रोशनी से सजाकर एक बार फिर यह दर्शाया गया कि हमारी धरोहरें केवल हमारे अतीत की नहीं, बल्कि भविष्य की भी धरोहर हैं.
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